अभिमन्यु गीत लिरिक्स रांझा Abhimanyu Geet Bhajan Lyrics

अभिमन्यु गीत लिरिक्स रांझा Abhimanyu Geet Bhajan Lyrics


अभिमन्यु गीत लिरिक्स रांझा Abhimanyu Geet Bhajan Lyrics

रण वो प्यासा रक्त का इतना,
ऐसा मंज़र बना दिया,
हुई हार थी निश्चित पांडवो की,
जब चक्रव्यूह को था रचा गया,
वीर डरे महावीर डरे,
पसीने से लथपथ चेहरे थे,
कैसे जीतेंगे जब,
अर्जुन भी रणभूमि से दूर गया।

तभी आया वीर सेना को चीर,
ले हाथ धनुष तरकश में तीर,
ले तेज ललाट पे अर्जुन पुत्र,
अभिमन्यु बोला हो गंभीर,
मैं जानू घुसना चक्रव्यूह में,
पर वापस आना जानू ना,
पर वापस आना भी किसको,
मैं घुसके सबको मारूंगा।

मैं चक्रव्यूह को भेदूंगा
और प्राण दांव पे दे दूंगा
मेरी रक्त की आख़िरी बूंद तलक
मैं कुरु सेना को रोकूंगा

सौगंध मुझे मेरे पिता श्री की,
धर्म को ना रोने दूंगा,
जब तक ना होता सूर्यास्त,
मेरी सांस मैं ना रुकने दूंगा।

आज कटेगी गर्दन,
तब तक रण में होगा मर्दन,
जब तक धनुष मेरे हाथ में,
शत्रु की भय से चलेगी धड़कन,
या तो जीत के मैं इतिहास रचूंगा,
या मरके इतिहास बनूंगा,
गूंजेगा सुन आसमां,
मेरी प्रतयंचा की गरजन।

सौलह वर्ष की आयु में ही,
कर दिए लाखों मुण्ड खण्ड,
और भेद दिया था चक्रव्यूह को,
ले ज्वाला आंखों में प्रचण्ड,
वो तीर पे तीर चलाता जाये,
वो रक्त की नदियां बहाता जाये,
हां रक्त से उसने लाल किया वो,
कुरुक्षेत्र का भूखण्ड।

नियति के द्वारा पर फिर,
षड्यंत्र ऐसा रचा गया,
हां अभिमन्यु को तब रण में,
महारथियों के सामने खड़ा किया,
तीरों से काटे तीर,
गदा से गदा को चकनाचूर किया,
युद्ध हुआ भीषण,
उस शौर्यवान ने सबको हरा दिया।

एक एक करके हारे तब,
अधर्म का था फिर साथ लिया,
और अश्वत्थामा द्रोण शकुनी ने,
मिलके प्रहार किया,
वो अर्जुन पुत्र कांपा नहीं,
हर वार का प्रतिकार किया,
फिर कर्ण शकुनी दुर्योधन ने,
पीठ पे उसके वार किया।

तीरों से बेधा छाती को।
मारा गदा से जैसे हाथी हो,
खंजर भोंके जिस्म में,
ना मृत्यु फिर भी आती क्यों,
तलवारों से किए घाव अनेक,
घावों से दी फिर पीठ भेद,
मुख पे फिर भी हंसी वीर के,
मृत्यु का ना कोई खेद।

ना पीछे उसने पग मोड़ा,
ना भाग के उसने रण छोड़ा,
ले रथ का पहिया उठा हवा में,
शेर गरज कर वो बोला।

कहते हो खुद को महाबली,
और खुद पे तुम इतराते हो,
फिर नपुंसकों की भांति,
लड़ने एक निहत्थे से आते हो।

ये मृत्यु है स्वीकार मुझे,
पर धर्म को ना झुकने दूंगा,
मेरे पिता के माथे पर मैं तिलक,
कभी हार का ना लगने दूंगा।

वो सूर्यास्त तक लड़के निहत्था।
वीरगति को प्राप्त हुआ,
उस अभिमन्यु के आगे आज पूरा,
कुरुक्षेत्र था झुका हुआ।


Abhimanyu - Raanjha || Shoorveer Abhimanyu Rap Song || Mahabharat Rap Song || 2024


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Song:- Abhimanyu
Lyrics & Composition:- Raanjha
Rap:- Raanjha
Vocals:- Paras Arora (Star Plus Mahabharat)
Music:- Smokey

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