चलो रे प्रयागराज चलिए, चलो रे प्रयागराज चलिये, हर हर गंगे हर हर गंगे, लगा के डुबकी कहिये, चलो रे प्रयागराज चलिये।
144 बरसों के बाद ये, पूरण महाकुम्भ आया है,
चारों और लगी है रौनक, सबने आनंद उठाया है, एक साथ सब संतो के दर्शन, आओ सब करिये, चलो रे प्रयागराज चलिये।
गंगा जमना सरस्वती का, पावन संगम होता जहां पे, अमृत स्नान करते हैं जो, मोक्ष पक्का मिलता यहां पे,
devotional Bhajan Lyrics in Hindi
देवगण भी आये नहाने, इनके दर्शन करिये, चलो रे प्रयागराज चलिये।
इस सुंदर भजन में सभी से यह विनती की गई है कि आइए आज हम सभी पवित्र प्रयागराज की ओर चलें। इस स्थान का विशेष महत्व है। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का पवित्र संगम होता है। संगम पर डुबकी लगाना सिर्फ शारीरिक शुद्धि नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि भी करता है। यहां स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष का मार्ग सरल हो जाता है। इस बार तो महाकुंभ का पवित्र अवसर है जो 144 वर्षों बाद आता है। इस महायोग में संतों और महात्माओं के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। चारों ओर धार्मिक उत्साह और भक्ति का वातावरण है। प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन और धार्मिक शहर है। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है, जिसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है। प्रयागराज कुंभ और महाकुंभ मेले के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह धार्मिकता, इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का संगम है।
𝐌𝐀𝐇𝐀 𝐊𝐔𝐌𝐁𝐇 𝐌𝐄𝐋𝐀 𝟐𝟎𝟐𝟓 | Chalo Re Prayagraj Chaliye | चलो रे प्रयागराज चलिए | Suren Namdev
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