खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को लिरिक्स

खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को लिरिक्स


खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को लिरिक्स Khadi Khadi Gora Manay Rahi Bhajan Lyrics

खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को,
ॐ ॐ कह के रिझाय रही शिव को,
मनाए रही शिव को रिझाय रही शिव को,
खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को।

सोने का लोटा गंगाजल पानी,
बूंद बूंद गौरा चढ़ाय रही शव को,
खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को।

बागों से जाके गौरा फूल तोड़ लाई,
गुंथ गुंथ हार चढ़ाय रही शिव को,
खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को।

बागों से जाके गौरा बेल पत्र लाई,
राम राम लिख के चढ़ाय रही शिव को,
खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को।

जंगल में जाके गौरा भांग तोड़ लाई,
पीस पीस के पिलाय रही शिव को,
खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को।

खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को,
ॐ ॐ कह के रिझाय रही शिव को,
मनाए रही शिव को रिझाय रही शिव को,
खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को।


सावन भजन | खड़ी खड़ी गौरा मनाए रही शिव को | Gora Manaye Rahi Shiv Ko | Shiv Bhajan | Sheela Kalson


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Title ▹ Khadi Khadi Gora Manaye Rahi Shiv Ko
Artist ▹ Ritu
Singer ▹ Sheela Kalson
Music ▹ Kuldeep Mali Aala
Keyboard Player ▹ Sachin Kamal
Lyrics & Composer ▹Traditional
Song Production Support ▹ Rajesh Madina

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