मानव राह से भटक रहा
मानव राह से भटक रहा,
मोह में उलझा जाये,
शिव सागर की माया ऐसी,
डूब के भी तर जाये,
ओ भोले डूब के भी तर जाये।
जो सुख पायो शिव भजन में,
वो सुख कहीं ना और,
माया बंधन त्याग दे,
और चल दे शिव की ओर,
ओ भोले चल दे शिव की ओर।
भोले इतना दीजिए,
जाने कुटुंब समाए,
मैं भी भूखा ना रहूं,
साधु ना भूखा जाये,
ओ भोले साधु ना भूखा जाये।
शिव का नाम सदा सुखकारी,
महिमा अपरंपार,
वो ही जीवन दान करे,
वो ही करें संहार,
ओ भोले वो ही करे संहार।
आशा तृष्णा त्याग कर,
जप लो शिव का नाम,
संकट विपदा के समय में,
शिव आयेंगें काम,
ओ भोले शिव आयेंगें काम।
Shiv Vaani 3 | मानव राह से भटक रहा | Gajendra Pratap Singh | Nikhar Juneja | Ravindra Pratap Singh
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Singers - Gajendra Pratap Singh, Nikhar Juneja, Ravindra Pratap Singh
Music produced by - Nikhar Juneja
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