
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
प्रिय छात्र जानिये की माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत है, जिसकी ऊँचाई 8,848 मीटर (29,029 फीट) है। यह पर्वत नेपाल और तिब्बत की सीमा पर स्थित है और इसे नेपाली में “सागरमाथा” और तिब्बती में “चोमोलुंगमा” कहा जाता है।
माउंट एवरेस्ट का नाम ब्रिटिश सर्वेयर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया था। इसकी ऊँचाई इतनी अधिक है कि यहाँ पर ऑक्सीजन की कमी होती है और तापमान बहुत कम होता है, जिससे चढ़ाई करना अत्यंत कठिन हो जाता है।
जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख हस्तियों में से एक रहे हैं। नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ। नेहरू जी को बच्चों से बहुत प्यार था, इसलिए उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
नेहरू जी ने अपनी शिक्षा इंग्लैंड के हैरो और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी। वे महात्मा गांधी के अहम् सहयोगी थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता बने। स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने भारत को एक आधुनिक, समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए।
उनकी प्रमुख रचनाओं में “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” और “ग्लिम्प्सेस ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री” शामिल हैं। नेहरू जी का निधन 27 मई 1964 को हुआ था, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है।
मौर्य वंश प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण और शक्ति संपन्न राजवंश था, जिसकी स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में की थी। इस वंश ने लगभग 137 वर्षों तक भारत पर शासन किया और इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य और उनके मंत्री चाणक्य ने नंद वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित कर इस साम्राज्य की नींव रखी। मौर्य वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक अशोक थे, जिन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया और इसे पूरे भारत में फैलाया। अशोक के शासनकाल में मौर्य साम्राज्य अपने चरम पर था और यह साम्राज्य उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में लगभग सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप तक फैला हुआ था। मौर्य वंश का पतन 185 ईसा पूर्व में हुआ जब अंतिम शासक बृहद्रथ की हत्या उनके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने कर दी।
आर्यभट्ट (476 ईस्वी) प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। उन्होंने ‘आर्यभटीय’ ग्रंथ लिखा, जिसमें गणित और खगोल विज्ञान के कई महत्वपूर्ण सिद्धांत शामिल हैं। उन्होंने पाई (π) का सटीक मान 3.1416 निकाला और पृथ्वी की परिधि का सटीक अनुमान लगाया।
महर्षि वेदव्यास भारतीय धर्म-साहित्य के महान ऋषि थे। उनका वास्तविक नाम कृष्णद्वैपायन था और वे महर्षि पराशर और सत्यवती के पुत्र थे। वेदव्यास को महाभारत के रचयिता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने वेदों का विभाजन कर उन्हें चार भागों में बांटा: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। इसके अलावा, उन्होंने पुराणों की भी रचना की। वेदव्यास को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और उन्हें हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। उनका योगदान भारतीय संस्कृति और साहित्य में अमूल्य है।
रवीन्द्रनाथ ठाकुर (1861-1941) एक विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और संगीतकार थे। उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे, जिन्हें 1913 में उनकी काव्य रचना “गीतांजलि” के लिए यह सम्मान मिला। ठाकुर ने भारतीय राष्ट्रगान “जन गण मन” और बांग्लादेश के राष्ट्रगान “आमार सोनार बांग्ला” की रचना की। उनके साहित्यिक योगदान ने भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूँकी और वे बंगाली साहित्य के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं।
प्रशांत महासागर दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है, जो पृथ्वी की सतह का लगभग एक तिहाई हिस्सा कवर करता है। यह महासागर पूर्व में उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पश्चिम में एशिया और ऑस्ट्रेलिया, और उत्तर में आर्कटिक महासागर से घिरा हुआ है। इसकी औसत गहराई लगभग 4,280 मीटर (14,040 फीट) है, और इसकी अधिकतम गहराई 10,911 मीटर (35,797 फीट) है, जो मेरियाना गर्त में स्थित है। प्रशांत महासागर का क्षेत्रफल लगभग 165,250,000 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे सबसे विशाल महासागर बनाता है।
शाहजहाँ (1592-1666) मुग़ल साम्राज्य के पाँचवें सम्राट थे, जिन्होंने 1628 से 1658 तक शासन किया। उनका जन्म 5 जनवरी 1592 को लाहौर में हुआ था। शाहजहाँ का असली नाम खुर्रम था और वे अकबर के पोते और जहाँगीर के पुत्र थे। शाहजहाँ को उनकी वास्तुकला के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। उनके शासनकाल में कई महत्वपूर्ण इमारतों का निर्माण हुआ, जिनमें ताजमहल सबसे प्रसिद्ध है। ताजमहल को उन्होंने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली में लाल किला और जामा मस्जिद का भी निर्माण करवाया।
हरिवंश राय बच्चन (1907-2003) हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि और लेखक थे। उनका जन्म 27 नवंबर 1907 को प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में हुआ था। वे हिंदी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों में से एक थे और उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति “मधुशाला” है।