निधिवन की रात्री एक लिरिक्स Nidhivan Ki Ratri Ek Bhajan Lyrics

निधिवन की रात्री एक लिरिक्स Nidhivan Ki Ratri Ek Bhajan Lyrics


निधिवन की रात्री एक लिरिक्स Nidhivan Ki Ratri Ek Bhajan Lyrics

निधिवन की रात्री एक,
अजुबा जो बहलाये मेरे मन को,
रात्री एक कल्प समान पर,
कान्हा की मुरली दोहराये एक ही धुन।

कान्हा तो तुझ बिन आधा आधा,
कान्हा तो तुझ बिन,
कान्हा तो तुझ बिन आधा आधा,
कान्हा तो तुझ बिन।

राधा राधा राधा रानी,
तेरे बोल जैसे पानी,
राधा राधा राधा रानी,
तू है गुड़ और मैं हूं धानी।

राधा राधा राधा रानी,
तेरे बोल जैसे पानी,
राधा राधा राधा रानी,
तू है गुड़ और मैं हूं धानी।

कान्हा तो तुझ बिन आधा आधा,
कान्हा तो तुझ बिन,
कान्हा तो तुझ बिन आधा आधा,
कान्हा तो तुझ बिन।

सांय आरती के पश्चात कोई,
पशु ना पक्षी जाये इस वन में,
कल्पना करो के रंग महल के,
श्रृंगार की चमक होगी कैसी।

श्वेत या सुनहरी,
गुलाबी या फिरोजी,
गोपियां अनरी,
पर कान्हा कान्हा मनमोहन,
गाये एक ही धुन।

राधा राधा, राधा रानी,
मेरे बोल जैसे पानी,
राधा राधा राधा रानी,
मैं हूं गुड़ और तू हूं धानी।

राधा राधा राधा रानी,
मेरे बोल जैसे पानी,
राधा राधा राधा रानी,
मैं हू गुड़ और तू हूं धानी।

सोलह हजार और एक सौ आठ,
गोपियों के नैन में,
कान्हा की आस,
योगमाया से वो रचाये रास,
साधना बरसों की ये ना कोई भास।

मंत्रों से मुक्त करे,
मन को ये तृप्त करे,
हर भक्त की आस को,
उत्साह से पूर्ण करे।

उत्साह का उत्सव ये,
उत्साह का उत्सव,
रासलीला तो एक,
उत्साह का उत्सव,
उत्साह का उत्सव ये,
उत्साह का उत्सव,
आत्मा परमात्मा के,
हर रस का उत्सव।

उत्साह का उत्सव ये,
उत्साह का उत्सव,
रासलीला तो एक,
उत्साह का उत्सव,
उत्साह का उत्सव ये,
उत्साह का उत्सव,
आत्मा परमात्मा के,
हर रस का उत्सव।


NIDHIVAN (Radha-Krishn Geet)


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NIDHIVAN (Radha-Krishn Geet) is a song based on the mystery of Nidhivan forest, situated in Vrindavan, India. It is believed that Lord Krishn & Radha alongwith his 16,108 Gopis, come there every night and perform ‘Rasleela’! Whoever sees them doing this, either goes mad, becomes blind or dies! Post evening even animals and birds leave the forest! This song tries to imagine this ethereal phenomenon from the perspective of a Lord-Krishn Devotee!
 
Nidhivan ki raatri ek,
Ajooba jo behlaaye mere man ko,
Raatri ek kalp samaan par,
Kanha ki murli doharaye ek hi dhun.

Kanha to tujh bin aadha aadha,
Kanha to tujh bin,
Kanha to tujh bin aadha aadha,
Kanha to tujh bin.

Radha Radha Radha Rani,
Tere bol jaise paani,
Radha Radha Radha Rani,
Tu hai gud aur main hoon dhaani.

Radha Radha Radha Rani,
Tere bol jaise paani,
Radha Radha Radha Rani,
Tu hai gud aur main hoon dhaani.

Kanha to tujh bin aadha aadha,
Kanha to tujh bin,
Kanha to tujh bin aadha aadha,
Kanha to tujh bin.

Saang aarti ke pashchat koi,
Pashu na pakshi jaaye is van mein,
Kalpana karo ke rang mahal ke,
Shringar ki chamak hogi kaisi.

Shwet ya sunahri,
Gulabi ya fironzi,
Gopiyan anari,
Par Kanha Kanha manmohan,
Gaye ek hi dhun.

Radha Radha, Radha Rani,
Mere bol jaise paani,
Radha Radha Radha Rani,
Main hoon gud aur tu hoon dhaani.

Radha Radha Radha Rani,
Mere bol jaise paani,
Radha Radha Radha Rani,
Main hoon gud aur tu hoon dhaani.

Solah hazaar aur ek sau aath,
Gopiyon ke nain mein,
Kanha ki aas,
Yogmaya se vo rachaye raas,
Sadhna barson ki ye na koi bhaas.

Mantron se mukt kare,
Man ko ye tript kare,
Har bhakt ki aas ko,
Utsaah se poorn kare.

Utsaah ka utsav ye,
Utsaah ka utsav,
Raasleela to ek,
Utsaah ka utsav,
Utsaah ka utsav ye,
Utsaah ka utsav,
Aatma Parmatma ke,
Har ras ka utsav.

Utsaah ka utsav ye,
Utsaah ka utsav,
Raasleela to ek,
Utsaah ka utsav,
Utsaah ka utsav ye,
Utsaah ka utsav,
Aatma Parmatma ke,
Har ras ka utsav.

Lyricist : Hrutul
Composer : Hrutul
SINGER : Tirth Thakkar, Krishani Gadhvi

Music producer : Treehouse studio


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