बैद्यनाथ महाशंख वटी के उपयोग घटक फायदे Benefits and uses of Baidyanath Mahashankh Vati
बैद्यनाथ महाशंख वटी, टेबलेट फॉर्म में एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसका प्रधान गुण कर्म, भूख में वृद्धि करना, पाचन को दुरुस्त करना, गैस बदहजमी में सुधार करना ग्रहणी ,अर्श एवं भगंदर ,श्वास विकारों को दूर करने में है।
महाशंख वटी मुख्य घटक
पीपलामूल, चित्रकमूल की छाल, दंती मूल, शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, पीपल, सज्जी क्षार, यवक्षार, शुद्ध टंकण, सेंधा नमक, काला नमक, मनिहारी नमक, समुद्री नमक, सांभर नमक, काली मिर्च, शुंठी, अजवाइन, शुद्ध विष, हरड़, शुद्ध हींग, इमली क्षार आदि।Ingredients of Mahashankh Vati
- Romaka Lavana
- Vida Lavana – Vida salt
- Samudra Lavana – Common salt
- Sauvarchala Lavana – Sochal salt
- Saindhava Lavana – Rock salt
- Hingu – Asa foetida
- Shankha Bhasma – Bhasma of Conch Shell
- Chincha – Tamarind – Tamarindus indica (Kshara)
- Shunti – Ginger Rhizome – Zingiber officinalis
- Maricha – Black pepper – Piper nigrum
- Pippali – Long pepper fruit – Piper longum
- Vali – Gandhaka – Purified and processed Sulphur
- Rasa – Herbal purified Mercury
- Shuddha Vatsanabha – Purified Aconitum ferox
- Shikhi – Chitraka – Lead Wort (root) – Plumbago zeylanica
- Saikharika – Apamarga – Achyarnthes aspera
- Amlavarga – tamarind, gooseberry
- Nimbu – Lemon juice
चिकित्सीय उपयोग
महाशंख वटी पेट की समस्याओं के लिए एक अत्यंत प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है। यह विशेष रूप से अपच, वायु के कारण होने वाले पेट दर्द, और परिणाम शूल (पेट में ऐंठन) के लिए उपयोगी है। यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाती है, जिससे भोजन का सही से पाचन होता है। यदि किसी को मंदाग्नि (भूख कम लगना) की समस्या है, तो इसका सेवन जठराग्नि (पाचन अग्नि) को प्रदीप्त करता है। इसके अलावा, ग्रहणी रोग, अर्श (बवासीर), भगंदर, श्वास (अस्थमा), खांसी, पांडू (एनीमिया), और कब्ज जैसी समस्याओं में भी लाभकारी है। इसे एक उत्तम पाचक और अग्नि दीपक के रूप में जाना जाता है।बैद्यनाथ महाशंख वटी के फायदे
पाचन विकारों में सुधार के लिए
यह आयुर्वेदिक वटी पेट दर्द, गैस और अपच जैसी समस्याओं में कारगर है। इसे पेट दर्द और अपच जैसी आम समस्याओं के इलाज के लिए विशेष रूप से बनाया गया है, जिसके घटक भूख में वृद्धि कर पाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाती है। महाशंख वटी एक उपयोगी आयुर्वेदिक नुस्खा है, जो पाचन को बेहतर बनाने के लिए कई असरदार जड़ी-बूटियों का मिश्रण है । पच, एसिडिटी और गैस से संबंधित परेशानियों को दूर करने में यह गुणकारी है।
अंगों को मजबूती करने के लिए
महाशंख वटी यकृत (लिवर), छोटी और बड़ी आंत, और प्लीहा (स्प्लीन) जैसे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को मजबूती प्रदान करती है। यह अंगों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है, जिससे पाचन तंत्र सुचारू दुरुस्त होता है और अंगों को मजबूती मिलती है।
जठराग्नि और अपच में रामबाण
कमजोर जठराग्नि, अपच, अरुचि (भूख न लगना), और पेट दर्द में महाशंख वटी एक प्रभावी उपाय मानी जाती है। इसका नियमित उपयोग इन समस्याओं में सुधार होता है।
ग्रहणी रोग के लिए वरदान
अगर किसी व्यक्ति को पाचन तंत्र रोग बढ़ने लगे या ग्रहणी रोग के लक्षण दिखें, तो महाशंख वटी का सेवन वैद्य की सलाह के उपरान्त उपयोग में लिया जाना चाहिए। यह दवा ग्रहणी विकार में लाभकारी है।
फूड प्वाइजन के लिए प्रभावी
आयुर्वेद में शंख भस्म, जो महाशंख वटी का मुख्य घटक है, फूड प्वाइजन जैसी समस्याओं को दूर करने में महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है। इसका उपयोग शरीर को विषाक्त तत्वों से मुक्त रखने में गुणकारी है।
गैस और अपच से राहत
महाशंख वटी का सेवन करने से गैस, बदहजमी और अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। यह दवा पाचन तंत्र को मजबूत करती है और भोजन को सही तरीके से पचने में मदद करती है।
जंक फूड और बासी भोजन से होने वाली समस्याओं में उपयोगी
आज के समय में कई लोग रात के खाने में जंक फूड या बासी भोजन का सेवन करते हैं, जिससे दस्त, डायरिया, पेट दर्द और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में महाशंख वटी में मौजूद शंख भस्म काफी लाभकारी होती है।
यह आयुर्वेदिक वटी पेट दर्द, गैस और अपच जैसी समस्याओं में कारगर है। इसे पेट दर्द और अपच जैसी आम समस्याओं के इलाज के लिए विशेष रूप से बनाया गया है, जिसके घटक भूख में वृद्धि कर पाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाती है। महाशंख वटी एक उपयोगी आयुर्वेदिक नुस्खा है, जो पाचन को बेहतर बनाने के लिए कई असरदार जड़ी-बूटियों का मिश्रण है । पच, एसिडिटी और गैस से संबंधित परेशानियों को दूर करने में यह गुणकारी है।
अंगों को मजबूती करने के लिए
महाशंख वटी यकृत (लिवर), छोटी और बड़ी आंत, और प्लीहा (स्प्लीन) जैसे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को मजबूती प्रदान करती है। यह अंगों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है, जिससे पाचन तंत्र सुचारू दुरुस्त होता है और अंगों को मजबूती मिलती है।
जठराग्नि और अपच में रामबाण
कमजोर जठराग्नि, अपच, अरुचि (भूख न लगना), और पेट दर्द में महाशंख वटी एक प्रभावी उपाय मानी जाती है। इसका नियमित उपयोग इन समस्याओं में सुधार होता है।
ग्रहणी रोग के लिए वरदान
अगर किसी व्यक्ति को पाचन तंत्र रोग बढ़ने लगे या ग्रहणी रोग के लक्षण दिखें, तो महाशंख वटी का सेवन वैद्य की सलाह के उपरान्त उपयोग में लिया जाना चाहिए। यह दवा ग्रहणी विकार में लाभकारी है।
फूड प्वाइजन के लिए प्रभावी
आयुर्वेद में शंख भस्म, जो महाशंख वटी का मुख्य घटक है, फूड प्वाइजन जैसी समस्याओं को दूर करने में महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है। इसका उपयोग शरीर को विषाक्त तत्वों से मुक्त रखने में गुणकारी है।
गैस और अपच से राहत
महाशंख वटी का सेवन करने से गैस, बदहजमी और अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। यह दवा पाचन तंत्र को मजबूत करती है और भोजन को सही तरीके से पचने में मदद करती है।
जंक फूड और बासी भोजन से होने वाली समस्याओं में उपयोगी
आज के समय में कई लोग रात के खाने में जंक फूड या बासी भोजन का सेवन करते हैं, जिससे दस्त, डायरिया, पेट दर्द और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में महाशंख वटी में मौजूद शंख भस्म काफी लाभकारी होती है।
भोजन के बाद पेट दर्द में राहत
कई लोगों को ज्यादा भोजन करने के बाद पेट दर्द की समस्या होती है। इस स्थिति में महाशंख वटी बहुत उपयोगी मानी गई है, यह पेट दर्द को कम करने में मदद करती है।
पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है
जब भोजन पच नहीं पाता और आमाशय में पड़ा रहता है, तो महाशंख वटी उस भोजन को पाचन तंत्र में आगे बढ़ाने का काम करती है और पाचन क्रिया को सुचारू बनाए रखती है।
संदर्भ:
कई लोगों को ज्यादा भोजन करने के बाद पेट दर्द की समस्या होती है। इस स्थिति में महाशंख वटी बहुत उपयोगी मानी गई है, यह पेट दर्द को कम करने में मदद करती है।
पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है
जब भोजन पच नहीं पाता और आमाशय में पड़ा रहता है, तो महाशंख वटी उस भोजन को पाचन तंत्र में आगे बढ़ाने का काम करती है और पाचन क्रिया को सुचारू बनाए रखती है।
सेवन विधि
भोजन के बाद एक-एक गोली जल या किसी अन्य तरल पदार्थ के साथ लें। महाशंख वटी एक प्रभावी और गुणकारी आयुर्वेदिक दवा है, जिसका उपयोग गैस, अपच, बवासीर जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। इसमें कुछ भारी धातु तत्व और विषैले जड़ी-बूटी के तत्व शामिल होते हैं, इसलिए इसका सेवन केवल चिकित्सक की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। हमने यह मानकर चलते हैं की आपने इस दवा को उपयोग में लेने से पहले किसी चिकित्सक से परामर्श कर लिया है और आप स्वयं दवा नहीं ले रहे हैं।संदर्भ:
भेषज रत्नावली
About Baidyanath
बैद्यनाथ 100% प्राकृतिक और सुरक्षित उत्पादों की एक विश्वसनीय श्रृंखला है, जिसमें हिमालय की तलहटी से प्राप्त दुर्लभ जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। हर उत्पाद में आयुर्वेद का सर्वश्रेष्ठ ज्ञान और वर्षों की समर्पित शोध का समावेश है। उन्नत तकनीक का उपयोग कर हर निर्माण चरण में उत्पाद की शुद्धता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। यही कारण है कि बैद्यनाथ को ISO 9001: 2000 प्रमाणन प्राप्त है।इस लेख के लेखक सरोज जांगिड़, सीकर (राजस्थान ) है जो की एक अनुभवी स्वास्थ्य और आरोग्य से सम्बंधित लेखक हैं। इनके पास 10 वर्षों का अनुभव है, स्वास्थ्य सम्बन्धी लेख लिखने का। लेखक का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित सटीक, उपयोगी और प्रभावी जानकारी प्रदान करना है।
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