अंगना पधारो महारानी भजन
अंगना पधारो महारानी भजन
(मुखड़ा)
अंगना पधारो महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
शारदा भवानी मोरी,
शारदा भवानी,
कर दो कृपा महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
ऊँची पहड़िया पे मंदिर बना है,
मंदिर में मैया को आसन लगा है,
आसन पे बैठी महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
रोगी को काया दे, निर्धन को माया,
बांझन पे कृपा, ललन घर आया,
मैया बड़ी वरदानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
मैहर में ढूंढ़ी, डोंगरगढ़ में ढूंढ़ी,
कलकत्ता, कटरा, जलंधर में ढूंढ़ी,
विजयराघवगढ़ में देखी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
मैहर को देखो या विजयराघवगढ़ को,
एक ही दिखे मोरी मैया के मढ़ को,
महिमा तुम्हारी नहीं जानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
मैया का भार संभाले रे पंडा,
हाथों में जिनके भवानी का झंडा,
झंडा पे बैठी महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
महिमा तुम्हारी, भगत जो भी गाए,
मोनी भी मैया के चरणन में आए,
कर दो मधुर मोरी वाणी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(पुनरावृत्ति)
अंगना पधारो महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
शारदा भवानी मोरी,
शारदा भवानी,
कर दो कृपा महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
अंगना पधारो महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
शारदा भवानी मोरी,
शारदा भवानी,
कर दो कृपा महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
ऊँची पहड़िया पे मंदिर बना है,
मंदिर में मैया को आसन लगा है,
आसन पे बैठी महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
रोगी को काया दे, निर्धन को माया,
बांझन पे कृपा, ललन घर आया,
मैया बड़ी वरदानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
मैहर में ढूंढ़ी, डोंगरगढ़ में ढूंढ़ी,
कलकत्ता, कटरा, जलंधर में ढूंढ़ी,
विजयराघवगढ़ में देखी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
मैहर को देखो या विजयराघवगढ़ को,
एक ही दिखे मोरी मैया के मढ़ को,
महिमा तुम्हारी नहीं जानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
मैया का भार संभाले रे पंडा,
हाथों में जिनके भवानी का झंडा,
झंडा पे बैठी महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(अंतरा)
महिमा तुम्हारी, भगत जो भी गाए,
मोनी भी मैया के चरणन में आए,
कर दो मधुर मोरी वाणी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
(पुनरावृत्ति)
अंगना पधारो महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
शारदा भवानी मोरी,
शारदा भवानी,
कर दो कृपा महारानी,
मोरी शारदा भवानी,
अंगना पधारो महारानी।।
Angana padharo maharani Original / अंगना पधारो महारानी ओरिजिनल / मनीष मोनी
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Singer - Manish Agarawal Moni 9300982985
Music -Sachin Upadhyay 9300110641
Recording Sachin Studio Jabalpur (M.P.)
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Recording Sachin Studio Jabalpur (M.P.)
शारदा माँ की कृपा का आह्वान हर भक्त के हृदय में एक गहरी भक्ति और श्रद्धा की लहर पैदा करता है। यह वह पुकार है, जो भक्त अपने घर-आंगन में माँ के स्वागत के लिए करता है, यह विश्वास रखते हुए कि माँ की कृपा से उसका जीवन हर सुख और समृद्धि से भर जाएगा। माँ का वह पवित्र आसन, जो ऊँची पहाड़ियों पर बने मंदिरों में विराजमान है, भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक आश्रय है। वहाँ माँ की उपस्थिति न केवल भक्तों के मन को शांति देती है, बल्कि उनके जीवन की हर कमी को पूरा करने का आशीर्वाद भी देती है। यह भक्ति का वह स्वरूप है, जो माँ की महिमा को हर भक्त के हृदय में स्थापित करता है, और उसे यह विश्वास दिलाता है कि माँ हर पल उसके साथ है, चाहे वह किसी भी रूप में उनकी आराधना करे।
माँ शारदा की कृपा इतनी विशाल है कि वह रोगी को स्वास्थ्य, निर्धन को धन, और बांझन को संतान का सुख प्रदान करती है। भक्त माँ को विभिन्न तीर्थों—मैहर, डोंगरगढ़, कलकत्ता, कटरा, जलंधर—में खोजता है, लेकिन उसे हर स्थान पर माँ का एक ही दिव्य रूप दिखाई देता है। यह माँ की असीम महिमा है, जो हर भक्त के लिए एक समान है, और जो उसे अपने जीवन में माँ के प्रेम और कृपा का अनुभव कराती है। भक्तों का विश्वास और उनके द्वारा गाई गई माँ की महिमा, माँ के चरणों में समर्पित होकर उनके जीवन को मधुरता और पवित्रता से भर देती है। यह भक्ति का वह उत्सव है, जो माँ के झंडे तले हर भक्त को एकजुट करता है, और उनके मन को माँ की कृपा से आलोकित करता है।
माँ शारदा की कृपा इतनी विशाल है कि वह रोगी को स्वास्थ्य, निर्धन को धन, और बांझन को संतान का सुख प्रदान करती है। भक्त माँ को विभिन्न तीर्थों—मैहर, डोंगरगढ़, कलकत्ता, कटरा, जलंधर—में खोजता है, लेकिन उसे हर स्थान पर माँ का एक ही दिव्य रूप दिखाई देता है। यह माँ की असीम महिमा है, जो हर भक्त के लिए एक समान है, और जो उसे अपने जीवन में माँ के प्रेम और कृपा का अनुभव कराती है। भक्तों का विश्वास और उनके द्वारा गाई गई माँ की महिमा, माँ के चरणों में समर्पित होकर उनके जीवन को मधुरता और पवित्रता से भर देती है। यह भक्ति का वह उत्सव है, जो माँ के झंडे तले हर भक्त को एकजुट करता है, और उनके मन को माँ की कृपा से आलोकित करता है।
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Author - Saroj Jangir
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