रोटी खा लै गऊआँ दे पालिया

रोटी खा लै गऊआँ दे पालिया

 
रोटी खा लै गऊआँ दे पालिया

रोटी, खा लै, गऊआँ दे पालिया,
रोटी लै के आई रतनो।
धूणा बोहड़ां हेठ ला के बैठा,
रोटी लै के आई रतनो।
रोटी, खा लै, गऊआँ दे पालिया।।

उमर निआणी जोगी, लगे रूप रब्ब दा,
ला के ध्यान बैठा, शिवाँ नूं है लभदा।
कहिंदा उठणा मैं दर्शन पा के,
रोटी लै के आई रतनो।
रोटी, खा लै, गऊआँ दे पालिया।।

जंगलाँ दे विच बाबे धूणा ला लिया,
फेर फेर माला रंग लाल चढ़ा लिया।
लाईआँ लकड़ां वी धूणे च सजा के,
रोटी लै के आई रतनो।
रोटी, खा लै, गऊआँ दे पालिया।।

धूणे वाला जोगी कहिंदा, ध्यान मैं लगा लिया,
सोहणा जेहा चिमटा वी धूणे ते ला लिया।
डर के गऊआँ वी धूणे कोल बहि गईआँ,
रोटी लै के आई रतनो।
रोटी, खा लै, गऊआँ दे पालिया।।



रोटी लेके आई रत्नों ||बाबा बालकनाथ|| #viral #bababalaknath #bhajanwithlyrics ‪@HimachaliSaritaDiaries‬

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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