Dukh Ka Karan Mahatma Buddha नमस्कार दोस्तों! आज हम एक ऐसी प्रेरक कहानी के बारे में जानेंगे, जो हमें यह कहानी हमें मनन करने पर विवश करती है कि हमें अपने दुखों का कारण कभी दूसरों को नहीं मानना चाहिए, बल्कि अधिकतर मामलों में हम स्वंय ही दुखों का कारण होते हैं। आइए, जानते हैं महात्मा बुद्ध से जुड़े इस प्रेरक प्रसंग के बारे में विस्तार से।
स्वंय ही हैं दुखों का कारण-गौतम बुद्ध कहानी
एक बार गौतम बुद्ध एक नगर में भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सुना कि उस नगर के कुछ लोग उनके बारे में बुरी बातें कह रहे थे। वे बुद्ध को झूठा और ढोंगी बता रहे थे, और उनकी आलोचना कर रहे थे। नगरवासियों का यह रवैया उन लोगों द्वारा फैलाए गए गलत विचारों की वजह से था, जो बुद्ध को नापसंद करते थे।
गौतम बुद्ध को जब यह बातें सुनाई दीं, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वह शांतिपूर्वक सुनते रहे और बाद में उन लोगों से पूछा, "क्या आपकी बातें पूरी हो गईं? अगर हां, तो क्या मैं अब जा सकता हूँ?" नगरवासियों को यह सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ, और एक व्यक्ति ने पूछा, "क्या तुम्हें इन बातों का कोई असर नहीं हुआ?"
गौतम बुद्ध मुस्कुराते हुए बोले, "आप जितनी भी गालियाँ दें या मुझे बुरा कहें, इसका मुझ पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने कोई अनैतिक कार्य नहीं किया है। जब तक आप अपनी गालियों को मुझ पर लादने की कोशिश करेंगे, तब तक यह सारी नकारात्मक बातें आप ही के पास रहेंगी, मुझे इनसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, मैं किसी की गालियों को स्वीकार नहीं करता हूँ."
बुद्ध की इस कहानी का सन्देश
जब हम सही होते हैं, तो हमें दूसरों की नकारात्मक बातों के प्रभाव से स्वंय को दूर रखना चाहिए, अपने कर्मों और विचारों पर दूसरों का प्रभाव नहीं आने देना चाहिए. हमें नकारात्मक भावनाओं से मुक्त रहना चाहिए। हमें हमारस्वभाव पर कायम रहना चाहिए. नेक राह से विचलित नहीं होना चाहिए. जब आप अपने आप को दोषी नहीं मानते, तो किसी की बुरी बातों से आप पर कोई असर नहीं पड़ता।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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