पड़ पड़ कै ई सवार होय है मीनिंग राजस्थानी कहावत

राजस्थानी कहावत "पड़ पड़ कैई सवार होय है"


अर्थ: गलती करते-करते ही मनुष्य समझदार और कुशल बनता है।
A person becomes skilled and wise by making mistakes repeatedly.

पड़ पड़ कै ई सवार होय है मीनिंग Pad Pad Ke Aie Sawar Meaning

रामु कुम्हार कै बार-बार मटकी टूटे, पण म्हणतो पड़ पड़ कै ई सवार होय है।
 
हिंदी में: राम कुम्हार की बार-बार मटकी टूटती है, लेकिन वह कहता है कि गलती करते-करते ही कुशल बनता है।

अंग्रेज़ी में: Ram the potter breaks pots repeatedly but says that one becomes skilled only by making mistakes.

यह कहावत इस बात को इंगित करती है कि किसी भी कार्य में दक्षता केवल अभ्यास और अनुभव से आती है। गलतियाँ करना जीवन का एक हिस्सा है और इन्हीं से हम सीखते हैं। इसलिए हमें असफलताओं से डरने के बजाय उनसे सबक लेना चाहिए।

कहावत "पड़ पड़ कै ई सवार होय है" यह संदेश देती है कि हर गलती एक सीख है। जब भी हम किसी कार्य में असफल होते हैं, तो वह अनुभव हमें और बेहतर बनाता है। चाहे वह कोई कारीगर हो, विद्यार्थी हो, या जीवन के किसी भी क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति, अगर वह अपनी गलतियों से सीख लेता है, तो आगे चलकर कुशलता प्राप्त करता है। यह कहावत जीवन में धैर्य, प्रयास और सीखने के महत्व को उजागर करती है। जीवन में सफलता और समझदारी अनुभवजन्य होती है, और गलतियाँ इस अनुभव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

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