हर बार कुछ गजब सा दरबार श्याम का

हर बार कुछ गजब सा दरबार श्याम का

 
हर बार कुछ गजब सा दरबार श्याम का

हर बार कुछ गज़ब सा,
दीखता है कुछ अलग सा,
दरबार श्याम का,
दरबार श्याम का।।

देखो कोई खड़ा है,
हाथों में चँवर लेके,
कोई पीछे है खड़ा,
एकटक श्याम को देखे,
धुलता है प्रेमियों के,
कभी प्रेम आँसुओं से,
दरबार श्याम का,
दरबार श्याम का।।

किस्मत सजाने वाला,
खुद पहले सज रहा है,
ज़रा गौर से तो देखो,
क्या खूब लग रहा है,
कभी श्वेत कभी पीला,
सतरंग कभी हरा है,
दरबार श्याम का,
दरबार श्याम का।।

बजते हैं चंग जमके,
होता गज़ब नज़ारा,
बनते हैं काम सबके,
लगता है जब अखाड़ा,
जो सोच तुम रहे हो,
उससे कई बड़ा है,
दरबार श्याम का,
दरबार श्याम का।।

हर बार कुछ गज़ब सा,
दीखता है कुछ अलग सा,
दरबार श्याम का,
दरबार श्याम का।।



Darbar Shyam Ka - Khatushyam ji Bhajan | Shubham Rupam LIVE

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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