दर्द भरे एहसासों का खूबसूरत इज़हार टूटे दिल की शायरी
किसी से दिल लगाना और टूट जाना, हर इंसान के जीवन का ऐसा दर्द है, जिसे शब्दों में बयां करना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है। लेकिन शायरी एक ऐसा जरिया है, जो इस दर्द को न केवल बयां करती है, बल्कि इसे सुनने वाले के दिल तक भी पहुंचाती है। टूटे दिल की शायरी उन अनकहे जज़्बातों को एक आवाज़ देती है, जो प्रेम, वियोग और अकेलेपन के पलों में हमारे अंदर गहराई से छिपे होते हैं। यह शायरी सिर्फ दर्द का इज़हार नहीं है, बल्कि दिल को सुकून देने और भावनाओं को सहज बनाने का माध्यम भी है। इस ब्लॉग में हम आपको टूटे दिल की सबसे खूबसूरत और दिल को छू लेने वाली शायरियां पढ़ने को देंगे, जो न सिर्फ आपके दिल के दर्द को समझेंगी, बल्कि आपको यह अहसास कराएंगी कि आप इस जज़्बात में अकेले नहीं हैं।
आदत के बाद दर्द भी देने लगा मज़ा
हँस हँस के आह आह किए जा रहा हूँ मैं
- जिगर मुरादाबादी
हँस हँस के आह आह किए जा रहा हूँ मैं
- जिगर मुरादाबादी
"हर ख्वाब को टूटते देखा है,
तेरे लिए दिल को रोते देखा है,
तूने छोड़ा तो कुछ न बचा,
जिंदगी को वीरान होते देखा है।"
"वो कहते थे हमें कभी छोड़ेंगे नहीं,
आज उनकी यादें भी हमें मिलती नहीं।
सच्चे दिल से हमने उन्हें चाहा था,
पर उनकी मोहब्बत में सच्चाई दिखी नहीं।"
अब मेरा दर्द मेरी जान हुआ जाता है
ऐ मेरे चारागरो अब मुझे अच्छा न करो
- शहज़ाद अहमद
अब तो ख़ुशी का ग़म है
अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे
बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे
- शकील बदायुनी
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं
- जाँ निसार अख़्तर
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया
- शकील बदायुनी
बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता
- निदा फ़ाज़ली
बीमार-ए-ग़म की चारागरी
बीमार-ए-ग़म की चारागरी कुछ ज़रूर है
वो दर्द दिल में दे कि मसीहा कहें जिसे
- आसी ग़ाज़ीपुरी
दर्द बढ़ कर दवा न हो जाए
ज़िंदगी बे-मज़ा न हो जाए
- अलीम अख़्तर
बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे
- शकील बदायुनी
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं
- जाँ निसार अख़्तर
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया
- शकील बदायुनी
बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता
- निदा फ़ाज़ली
बीमार-ए-ग़म की चारागरी
बीमार-ए-ग़म की चारागरी कुछ ज़रूर है
वो दर्द दिल में दे कि मसीहा कहें जिसे
- आसी ग़ाज़ीपुरी
दर्द बढ़ कर दवा न हो जाए
ज़िंदगी बे-मज़ा न हो जाए
- अलीम अख़्तर
"दिल तोड़ने वालों को कभी एहसास नहीं होता,
जिसे टूटना पड़ता है, उसका क्या हाल होता।
एक झूठी मुस्कान के पीछे कितना दर्द छुपा है,
ये सिर्फ टूटे हुए दिल ही जानते हैं।"
"तुम्हारे बिना ये दुनिया अधूरी लगती है,
तेरी यादें अब दिल से जुड़ी लगती हैं।
जिन राहों पर तेरा साथ मिला था,
अब वही राहें सूनी लगती हैं।"
जिसे टूटना पड़ता है, उसका क्या हाल होता।
एक झूठी मुस्कान के पीछे कितना दर्द छुपा है,
ये सिर्फ टूटे हुए दिल ही जानते हैं।"
"तुम्हारे बिना ये दुनिया अधूरी लगती है,
तेरी यादें अब दिल से जुड़ी लगती हैं।
जिन राहों पर तेरा साथ मिला था,
अब वही राहें सूनी लगती हैं।"
दर्द ओ ग़म दिल की
दर्द ओ ग़म दिल की तबीअत बन गए
अब यहाँ आराम ही आराम है
- जिगर मुरादाबादी
दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी
इंतिहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया
- फ़ानी बदायुनी
इंतिहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया
- फ़ानी बदायुनी
"वो ख्वाब जो तेरे साथ संजोए थे,
उन ख्वाबों का मलबा बन गया।
तूने छोड़ा तो ये दिल भी टूटा,
और दिल का हर कोना खाली हो गया।"
"तेरा जाना किसी तूफान से कम न था,
जिंदगी का हर रिश्ता बिखर गया।
जो कल तक था तू मेरे साथ,
आज बस एक अधूरी कहानी बन गया।"
उन ख्वाबों का मलबा बन गया।
तूने छोड़ा तो ये दिल भी टूटा,
और दिल का हर कोना खाली हो गया।"
"तेरा जाना किसी तूफान से कम न था,
जिंदगी का हर रिश्ता बिखर गया।
जो कल तक था तू मेरे साथ,
आज बस एक अधूरी कहानी बन गया।"
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आंखें रोईं पर आंसू भी न निकले।
इस दर्द को किससे बयां करूं,
तू गया और ये लफ्ज भी न निकले।"
"तेरी यादों ने हर दिन रुलाया है,
तेरे बिना हर लम्हा तन्हा बिताया है।
तुझसे दूर रहना मुश्किल है,
पर तुझे भुलाना भी मुमकिन नहीं।"
ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
जौन एलिया
"कभी सोचा था तेरा साथ उम्र भर रहेगा,
पर किस्मत को ये मंजूर नहीं।
दिल ने जिसे पूजा था खुदा समझकर,
वो आज मेरा नाम भी याद नहीं करता।"
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
जौन एलिया
"कभी सोचा था तेरा साथ उम्र भर रहेगा,
पर किस्मत को ये मंजूर नहीं।
दिल ने जिसे पूजा था खुदा समझकर,
वो आज मेरा नाम भी याद नहीं करता।"
दिल के हर कोने में तेरा ही नाम लिखा है,
जाने क्यों ये दिल तुझ पर ही फिदा है।
तुझसे दूर रहकर भी दिल बहलाता नहीं,
हर धड़कन तेरा नाम दोहराती है सही।
दिल तो चाहता है तुझे हर पल देखूं,
पर हालत ये है कि तुझसे कुछ कहूं।
दिल की गहराइयों में बसा हुआ है तू,
तेरे बिना हर खुशी अधूरी सी है, यार तू।
दिल तोड़कर तूने क्या हासिल कर लिया,
मेरे ख्वाबों का हर रंग बिखर दिया।
तेरे बिना दिल हर पल उदास रहता है,
जैसे सहरा में कोई पौधा प्यासी रहती है।
दिल कहता है कि एक बार तुझे पा लूं,
फिर इस जहान को भी भूल जाऊं।
तेरे दिल की महफिल में जगह न मिली,
पर मेरा दिल तुझ पर ही रुका रहा सही।
दिल जब भी तुम्हारा नाम लेता है,
हर दर्द जैसे आंखों से बहता है।
जाने क्यों ये दिल तुझ पर ही फिदा है।
तुझसे दूर रहकर भी दिल बहलाता नहीं,
हर धड़कन तेरा नाम दोहराती है सही।
दिल तो चाहता है तुझे हर पल देखूं,
पर हालत ये है कि तुझसे कुछ कहूं।
दिल की गहराइयों में बसा हुआ है तू,
तेरे बिना हर खुशी अधूरी सी है, यार तू।
दिल तोड़कर तूने क्या हासिल कर लिया,
मेरे ख्वाबों का हर रंग बिखर दिया।
तेरे बिना दिल हर पल उदास रहता है,
जैसे सहरा में कोई पौधा प्यासी रहती है।
दिल कहता है कि एक बार तुझे पा लूं,
फिर इस जहान को भी भूल जाऊं।
तेरे दिल की महफिल में जगह न मिली,
पर मेरा दिल तुझ पर ही रुका रहा सही।
दिल जब भी तुम्हारा नाम लेता है,
हर दर्द जैसे आंखों से बहता है।
"हर रात तेरी तस्वीर को देख रो लेते हैं,
तेरी यादों में खुद को खो लेते हैं।
दिल में एक दर्द है जो कम नहीं होता,
बस तेरे लौट आने का इंतजार करते रहते हैं।"
तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता
दाग़ देहलवी
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता
दाग़ देहलवी
"जो दिल से प्यार करता है,
वही दिल से टूटता है।
जिसे खोने का डर सबसे ज्यादा हो,
अक्सर वही अपना साथ छोड़ जाता है।"
"तुझसे दूर जाने का इरादा नहीं था,
पर तेरे रवैये ने मजबूर कर दिया।
जो कभी तेरी मुस्कान से जीते थे,
आज तेरी यादों में मरने लगे।"
"दिल टूटता है तो आवाज नहीं होती,
हर दर्द की कोई दवा नहीं होती।
यूं तो कहते हैं वक़्त हर ज़ख्म भर देता है,
पर इस टूटे दिल की राहत कभी नहीं होती।"
क्या बताऊँ तुझे मेरी दर्द भरी कहानी,
जिसमें तू नहीं है मगर तेरी यादें अभी भी हैं।
जब से तूने मुझे छोड़ कर जाना है,
मेरी ज़िन्दगी एक अधूरी कहानी बन गई है।
तेरी यादों से भरी ये रातें कब ख़त्म होंगी,
मेरे दिल के दरवाज़े तेरे जाने के बाद से बंद हैं।
तुम्हारी यादें ने मेरे दिल को तबाह कर दिया है,
मेरी ज़िन्दगी का हर पल मेरे दिल में तेरी यादों से भरा है।
तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी बेजान सी हो गई है,
अब तो मेरे दिल की हर धड़कन तुम्हारे नाम से जुड़ी हुई है।
जब से तुम्हारे दिल से मुझे दूर किया है,
मेरी दिनचर्या से मेरी खुशियों का रास्ता ही कट गया है।
तुम्हें चाहकर भी तुमसे नहीं जुदा हो सकता हूँ मैं,
मगर तुमने तो मेरा दिल तोड़ दिया है।
अब जब तुम्हारी यादों में ही मेरी सारी दुनिया बसी है,
तो तुमसे मिलने की ख्वाहिश हमेशा जारी है।
जो बिना बताये जा सकता था, वो तुमने किया है,
दिल के साथ खेलना, तुम्हारा कुछ नहीं गया है।
जिसमें तू नहीं है मगर तेरी यादें अभी भी हैं।
जब से तूने मुझे छोड़ कर जाना है,
मेरी ज़िन्दगी एक अधूरी कहानी बन गई है।
तेरी यादों से भरी ये रातें कब ख़त्म होंगी,
मेरे दिल के दरवाज़े तेरे जाने के बाद से बंद हैं।
तुम्हारी यादें ने मेरे दिल को तबाह कर दिया है,
मेरी ज़िन्दगी का हर पल मेरे दिल में तेरी यादों से भरा है।
तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी बेजान सी हो गई है,
अब तो मेरे दिल की हर धड़कन तुम्हारे नाम से जुड़ी हुई है।
जब से तुम्हारे दिल से मुझे दूर किया है,
मेरी दिनचर्या से मेरी खुशियों का रास्ता ही कट गया है।
तुम्हें चाहकर भी तुमसे नहीं जुदा हो सकता हूँ मैं,
मगर तुमने तो मेरा दिल तोड़ दिया है।
अब जब तुम्हारी यादों में ही मेरी सारी दुनिया बसी है,
तो तुमसे मिलने की ख्वाहिश हमेशा जारी है।
जो बिना बताये जा सकता था, वो तुमने किया है,
दिल के साथ खेलना, तुम्हारा कुछ नहीं गया है।
"वो कहते थे कि तुमसे बढ़कर कोई नहीं,
आज वो गैरों के साथ मुस्कुराते हैं।
हमने चाहा था उन्हें अपनी जिंदगी से ज्यादा,
पर वो हमारी वफाओं को ठुकराते हैं।"
आप पहलू में जो बैठें तो सँभल कर बैठें
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की
जलील मानिकपूरी
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की
जलील मानिकपूरी
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
"एक बार जब दिल टूट जाता है,
तो फिर जुड़ने का मौका नहीं मिलता।
जितना प्यार किया था किसी से,
उससे ज्यादा दर्द जिंदगी से मिलता है।"
"तुझे भूलना इतना आसान नहीं,
पर तेरा साथ भी अब मुमकिन नहीं।
दिल ने जिसे अपनाया था कभी,
आज वही बेगाना सा लगता है।"
दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने से
कमरा वीराँ हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से
जलील ’आली’
कमरा वीराँ हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से
जलील ’आली’
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
बशीर बद्र
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
बशीर बद्र
"उनकी बातों पर ऐतबार किया था,
दिल में उन्हें सबसे ज्यादा प्यार दिया था।
आज वो मेरे दर्द से बेखबर हैं,
जिनके लिए मैंने सब कुछ कुर्बान किया था।"
तुम ज़माने की राह से आए
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का
बाक़ी सिद्दीक़ी
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते
अब कोई शिकवा हम नहीं करते
जौन एलिया
हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया
जिगर मुरादाबादी
दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
अल्लामा इक़बाल
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
दाग़ देहलवी
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का
बाक़ी सिद्दीक़ी
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते
अब कोई शिकवा हम नहीं करते
जौन एलिया
हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया
जिगर मुरादाबादी
दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
अल्लामा इक़बाल
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
दाग़ देहलवी
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का
न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है
अल्लामा इक़बाल
न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है
अल्लामा इक़बाल
तुम्हारी यादें जिस तरह से मेरी आँखों को रुलाती हैं,
शायद तुम समझ नहीं सकते कि मेरे दिल में कैसा तूफान उठा हुआ है।
तुम्हें भुला देने की चाहत में ही ये दर्द संभलता है,
नहीं तो ये दर्द तो अपनी जगह से नहीं हटता है।
कुछ तो शायद तुम भी अच्छे थे मेरे लिए,
वर्ना इतनी आसानी से मेरी जिंदगी में घुस जाते क्यों?
मेरे ख्यालो में सिर्फ तुम हो तुम्हे कैसे भुला दूँ,
इस दिल की धड़कन हो सिर्फ तुम,
तुम्हे कैसे निकाल दूँ।
हमे दिल में बसाया था तो साथ निभाया क्यों नही,
जब नजरे मिलाई थी हमसे तो नजर में बसाया क्यों नही,
तूने तो हमसे जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया था,
तो छोड़ कर जाने से पहले एक बार बताया क्यों नही।
शायद तुम समझ नहीं सकते कि मेरे दिल में कैसा तूफान उठा हुआ है।
तुम्हें भुला देने की चाहत में ही ये दर्द संभलता है,
नहीं तो ये दर्द तो अपनी जगह से नहीं हटता है।
कुछ तो शायद तुम भी अच्छे थे मेरे लिए,
वर्ना इतनी आसानी से मेरी जिंदगी में घुस जाते क्यों?
मेरे ख्यालो में सिर्फ तुम हो तुम्हे कैसे भुला दूँ,
इस दिल की धड़कन हो सिर्फ तुम,
तुम्हे कैसे निकाल दूँ।
हमे दिल में बसाया था तो साथ निभाया क्यों नही,
जब नजरे मिलाई थी हमसे तो नजर में बसाया क्यों नही,
तूने तो हमसे जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया था,
तो छोड़ कर जाने से पहले एक बार बताया क्यों नही।
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे दर्द भरी शेर और शायरी, कविता । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |