आन वसो नंदलाल मेरे सूने मंदिर में

आन वसो नंदलाल मेरे सूने मंदिर में

आन वसो नंदलाल मेरे सूने मंदिर में
 
आन वसो नंदलाल, मेरे सूने मंदिर में
छाया जिसमें घोर अँधेरा,
तुम आओ तो होवे उजियारा।
तुम बिन है सुनसान, मेरे सूने मंदिर में...
आन वसो नंदलाल...

घंटे और घड़ियाल नहीं है,
सामग्री का थाल नहीं है।
मोह माया का है जाल, मेरे सूने मंदिर में...
आन वसो नंदलाल...

मेरा मन दरवेश नहीं है,
बगुले जैसा भेष नहीं है।
प्रेम का है यह हाल, मेरे सूने मंदिर में...
आन वसो नंदलाल...

कान्हा मेरे मंदिर आना,
मेरे हाथों भोग लगाना।
आना हो के दयाल, मेरे सूने मंदिर में...
आन वसो नंदलाल...


आन बसो नंदलाल मेरे सुने मंदिर में | Aan Baso Nandlal Mere Sune Mandir Me | Krishan Bhajan 2021

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Title: आन बसो नंदलाल मेरे सुने मंदिर में
Singer: Rakesh Kala
Lyrics: Chandan Tilak
 
नंदलाल (श्री कृष्ण) की कृपा ऐसी है कि उनके आगमन से अंधेरे से भरा सूना मंदिर उजाले से भर जाता है। जहाँ घंटे, घड़ियाल या पूजा की सामग्री का अभाव है, और मोह-माया का जाल फैला है, वहाँ उनकी उपस्थिति ही सब कुछ पूर्ण करती है। उनका प्रेम इतना गहरा है कि वह मन के कपटपूर्ण भेष को भी प्रेममय बना देता है। नंदलाल दयालु हैं, जो भोग स्वीकार कर मंदिर को अपनी कृपा से जीवंत करते हैं। यह रचना उनकी दया, प्रकाश और प्रेम की शक्ति का गान करती है, जो हर सूने स्थान को आलोकित और सार्थक बना देती है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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