होण लगे वृंदा विष्णु दे फेरे ने भजन

होण लगे वृंदा विष्णु दे फेरे ने


बैठे दोनों सज-धज, नेड़े-नेड़े ने।
होण लगे वृंदा-विष्णु दे फेरे ने।।

इक सांवरा ते इक गोरी, बड़ी सुंदर सोहनी जोड़ी।
चर्चे इस जोड़ी दे चार चुफेरे ने,
होण लगे वृंदा-विष्णु दे फेरे ने...

वृंदा वरमाला पाई, वृंदा वरयो हरिराई।
बरसे रंग-रस, कलियां-फुल बथेरे ने,
होण लगे वृंदा-विष्णु दे फेरे ने...

मंगल धुन वेदां गाई, हर वैदिक रीत निभाई।
वर-वधु ने लए वेदी दे फेरे ने,
होण लगे वृंदा-विष्णु दे फेरे ने...

होई शगुनां नाल विदाई, डोली बैकुंठ विच आई।
गीत मधुप दे गूंजे चार चुफेरे ने,
होण लगे वृंदा-विष्णु दे फेरे ने...


Tulsi Aur Shaligram Katha: आखिर क्यों वृंदा की पति भक्ति देख विष्णु भगवान हुए मोहित??

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विष्णु भगवान वृंदा की पति भक्ति से प्रसन्न हुए और उन्होंने कहा, हे वृंदा! तुम्हारी पति भक्ति देखने के बाद तुम मुझे प्रिय लगने लगी हो। अब सदैव तुम मेरे साथ तुलसी के रूप में रहोगी। तुम्हारे तुलसी रूप का जो भी व्यक्ति मेरे शालिग्राम के साथ विवाह कराएगा उसे हजार गुना यश और पुण्य प्राप्त होगा। जिस भी मनुष्य के घर तुलसी का वास होगा, उस घर में कभी भी असमय यमदूत नहीं आएंगे।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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