जय हो शंकरा भोलेनाथ शंकरा भजन
जय हो शंकरा भोलेनाथ शंकरा
जय हो जय हो शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
आदि देव शंकरा
हे शिवाय शंकरा
तेरे जाप के बिना
भोलेनाथ शंकरा
चले ये साँस किस तरह
हे शिवाय शंकरा
मेरा कर्म तू ही जाने
क्या बुरा है, क्या भला
तेरे रास्ते पे मैं तो
आँख मूंद के चला
तेरे नाम की जोत ने
सारा हर लिया तमस मेरा
नमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरा
नमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
रुद्रदेव हे महेश्वर
जटा कटाहसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी
विलो लोल विचिवल्लरी विराजमान मूर्धनि
धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके
किशोर चन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम
कौन है वो, कौन है वो
कहां से वो आया
चारों दिशाओं में
तेज सा वो छाया
उसकी भुजाएं बदले कथाएं
भागीरथी तेरी तरफ
शिवजी चले देख जरा
यह विचित्र माया
नमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरा
नमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
रुद्रदेव हे महेश्वर
चंद्रमा ललाट पे
भस्म है भुजाओं में
वस्त्र बाघ छाल का
है खड़ाऊँ पांव में
प्यास क्या और तुझे
गंगा है तेरी जटाओं में
जटाओं में, जटाओं में
दूसरों के वास्ते
भोलेनाथ शंकरा
तू सदैव ही जिया
हे शिवाय शंकरा
मांगा कुछ कभी नहीं
भोलेनाथ शंकरा
तूने सिर्फ है दिया
हे शिवाय शंकरा
समुद्र मंथन का
था समय जो आ पड़ा
द्वंद्व दोनों लोक में
विष-अमृत पे था छिड़ा
अमृत सभी में बांट के
प्याला विष का तूने खुद पिया।
भोलेनाथ शंकरा
आदि देव शंकरा
हे शिवाय शंकरा
तेरे जाप के बिना
भोलेनाथ शंकरा
चले ये साँस किस तरह
हे शिवाय शंकरा
मेरा कर्म तू ही जाने
क्या बुरा है, क्या भला
तेरे रास्ते पे मैं तो
आँख मूंद के चला
तेरे नाम की जोत ने
सारा हर लिया तमस मेरा
नमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरा
नमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
रुद्रदेव हे महेश्वर
जटा कटाहसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी
विलो लोल विचिवल्लरी विराजमान मूर्धनि
धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके
किशोर चन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम
कौन है वो, कौन है वो
कहां से वो आया
चारों दिशाओं में
तेज सा वो छाया
उसकी भुजाएं बदले कथाएं
भागीरथी तेरी तरफ
शिवजी चले देख जरा
यह विचित्र माया
नमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरा
नमो नमो जी शंकरा
भोलेनाथ शंकरा
रुद्रदेव हे महेश्वर
चंद्रमा ललाट पे
भस्म है भुजाओं में
वस्त्र बाघ छाल का
है खड़ाऊँ पांव में
प्यास क्या और तुझे
गंगा है तेरी जटाओं में
जटाओं में, जटाओं में
दूसरों के वास्ते
भोलेनाथ शंकरा
तू सदैव ही जिया
हे शिवाय शंकरा
मांगा कुछ कभी नहीं
भोलेनाथ शंकरा
तूने सिर्फ है दिया
हे शिवाय शंकरा
समुद्र मंथन का
था समय जो आ पड़ा
द्वंद्व दोनों लोक में
विष-अमृत पे था छिड़ा
अमृत सभी में बांट के
प्याला विष का तूने खुद पिया।
Mahadev Mashup | @Anurag Abhishek @Deepshikha Raina | Namo Namo * Kaun Hai Woh | Jai Bholenath
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Singer : @Anurag Abhishek
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Author - Saroj Jangir
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