है प्रार्थना मुझको अपना बना ले, तेरे दरस की हूं प्यासी, जन्मों से हूं तेरी दासी, मैं शिव की पुजारन, मैं शिव को ही अर्पण भोले।
जबसे तेरा प्रेम जागा और, ना कहीं मन ये लागा,
जप तप सब मैं करुंगी, तेरी मैं बन के रहूंगी, मैं शिव की पुजारन, मैं शिव को ही अर्पण भोले।
जग से मैं बैराग लुंगी, श्वास को भी त्याग दूंगी, तुझ बिन भला क्यों जियूं मैं, ये हलाह कैसे पियूं मैं, मैं शिव की पुजारन, मैं शिव को ही अर्पण भोले।
Shiv Bhajan Lyrics in Hindi
आज से तेरी संगिनी मैं, अब से शिव अर्धांगिनी मैं, हूं अबसे तेरी परछाई रहूंगी, मैं तुझमें समाई, मैं तेरी पुजारन करूं, मैं समर्पण भोले।
पार्वती जी ने कठोर तपस्या करके शिवजी को प्रसन्न किया। उनकी भक्ति अटूट थी और वे किसी भी परीक्षा से डरी नहीं। उन्होंने समर्पण और श्रद्धा से भगवान शिव को अपना बना ही लिया। उनकी निष्ठा ने सिद्ध किया कि सच्ची भक्ति से ईश्वर को पाया जा सकता है। पार्वती जी का जीवन हमें प्रेम, तपस्या और धैर्य की सीख देता है। पार्वती जी अखंड भक्ति से शिव जी की अर्धांगिनी बनी और उनकी परछाई बनी । जय शिव शक्ति।
Shiv Ki Ardhangini | माँ पार्वती की शिव को पाने की तपस्या | Shiv Parvati Bhajan | Ayushi Mishra
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