मुखमंडल पर तेज निराला, मैया कितनी प्यारी है, सौम्य स्वरूपा अम्बे भवानी, उनपे ही आस हमारी है।
जय माता दी जय माता दी, प्रेम से बोलो जय माता दी, जय माता दी जय माता दी, प्रेम से बोलो जय माता दी।
धन्य धन्य हो गया घर आंगन, छायी है बहार, धन्य धन्य हो गया घर आंगन, छायी है बहार, होके शेर पे सवार आयी, मैया मेरे द्वार, धन्य धन्य हो गया घर आंगन, छायी है बहार।
निश्छल है मां अम्बे भवानी, उनकी महिमा है अति भारी, सबकी पालक अम्बे माता, बहुत बड़ी है दानी, जय माता दी जय माता दी, प्रेम से बोलो जय माता दी।
रूप मनोहर सुंदर आभा, ऐसी लगती भवानी, शेर सिंघासन मैया विराजे, भक्तों की महारानी, रूप मनोहर सुंदर आभा, ऐसी लगती भवानी, शेर सिंघासन मैया विराजे, भक्तों की महारानी, प्रेम सदा मैया है लुटाती, सबकी विपदा दूर भगाती, सबकी पालक अम्बे माता,
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
बहुत बड़ी है दानी, जय माता दी जय माता दी, प्रेम से बोलो जय माता दी।
इस धरती पर तुम से बढ़कर, कोई नहीं मां हमारा, बीच भंवर जब डोले नैया, देना हमको सहारा, इस धरती पर तुम से बढ़कर, कोई नहीं है हमारा, बीच भंवर जब डोले नैया, देना हमको सहारा, दुख को मिटा कर भरती है गागर, उनके लिए सब एक बराबर, सबकी पालक अम्बे माता, बहुत बड़ी है दानी, जय माता दी जय माता दी, प्रेम से बोलो जय माता दी।
जय माता दी जय माता दी, प्रेम से बोलो जय माता दी, जय माता दी जय माता दी, प्रेम से बोलो जय माता दी।
मां दुर्गा का मुखमंडल अद्भुत तेज से दमकता है। उनकी छवि अत्यंत सौम्य और मनमोहक है जिसे देखकर हम भाव-विभोर हो जाते हैं। अम्बे भवानी संसार की रक्षा और कल्याण के लिए अवतरित हुई हैं। उनकी कृपा से सभी का जीवन सुखमय और समृद्ध हो जाता है। जब मां हमारे घर पधारती हैं, तो पूरा वातावरण मंगलमय हो जाता है। घर आंगन धन्य हो जाता है और हर ओर खुशहाली छा जाती है। मां के जयकारों से सारी दिशाएं गूंज उठती हैं और हम प्रेमपूर्वक जय माता दी बोलते हैं।
Ho Ke Sher Pe Sawar | Pamela Jain | Navratri Bhajan 2025 | Ambe Mata Rani ke Bhajan
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Song: Ho Ke Sher Pe Sawar Singer: Pamela Jain Lyrics: Shailesh Kumar Mishra Music : Ritesh Mishra
माँ अम्बे का मुखमंडल ऐसा तेजस्वी है कि एक नजर में ही मन मोह लेता है। उनका सौम्य रूप हृदय में शांति भर देता है, जैसे कोई ममता भरी माँ अपने बच्चे को सीने से लगाए। भक्त की हर आशा, हर पुकार माँ के चरणों में समा जाती है।
जब माँ सिंह पर सवार होकर भक्त के द्वार आती हैं, तो आँगन में खुशियों की बहार छा जाती है। जैसे सूखी धरती पर बारिश की बूँदें जीवन जगा देती हैं, वैसे ही माँ की कृपा से घर-परिवार धन्य हो उठता है।
माँ का स्वभाव निश्छल है, उनकी महिमा अपार। वह सबकी पालक है, जो प्रेम और दया का खजाना लुटाती है। शेर पर विराजमान माँ भक्तों की रानी है, जो हर विपदा को दूर कर देती है। जैसे कोई माँ अपने बच्चों को बराबर स्नेह देती है, वैसे ही माँ अम्बे सभी भक्तों को समान दृष्टि से देखती हैं।
जब जीवन की नैया भँवर में फँसती है, माँ ही सहारा बनती है। उनके लिए कोई छोटा-बड़ा नहीं, सब उनके अपने हैं। वह दुखों को मिटाकर सुख की गागर भर देती है। भक्त प्रेम से जयकारा लगाता है, क्योंकि माँ की शरण में हर मनोकामना पूरी होती है।
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