देख के सागर की लहरों को, वानर सब घबराये। कैसे होगा पार ये सागर, मन ही मन सकुचाये।। जामवंत ने बजरंगी से जाकर करी गुहार सिवा तुम्हारे कौन ये सागर कर पायेगा पार।
कौन लंका जला पाता, अगर हनुमान न होते। पता न सीता का लग पाता अगर हनुमान न होते।।
लाँघकर के समंदर को, पहुँचे लंका के वो अंदर
देख हनुमान की ताकत, काँप उठा था दशकंधर। कौन सूरज निकल पता, अगर हनुमान ना होते।
आ के शक्ति लगी ऐसी, मूर्छा खा गए लक्ष्मण संजीवनी बूटी लाने को, गए वो दौड़ के तत्क्षण। कौन पर्वत उठा पाता, अगर हनुमान न होते।
राम का नाम लेकर के, जो इनके पास जाते हैं उनके जीवन की तकलीफें, ये पल भर में मिटाते हैं। कौन संकट मिटा पाता, अगर हनुमान न होते।
Hanuman Bhajan Lyrics Hindi
INVITATION JOGI DA / PAWAN WALIA / NEW 2025 / M PUNK MUSIC
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Song - Kon Lanka Jala Pata Singer/Composer - Vikash Sharma (+91 8269558226) Music - Rasila Infotainment Mixed & Mastered - Pramod Jain Lyrics - Pt. Ankit Sharma Record Label - Rasila Infotainment
हनुमान की भक्ति और बल का ऐसा प्रकाश है, जो असंभव को संभव बनाता है। सागर की विशाल लहरें देखकर जब वानरों का मन डगमगाया, तब हनुमान ने राम के नाम की ताकत से सागर को लाँघ लिया। जैसे दीये की छोटी सी लौ अंधेरा चीर देती है, वैसे ही उनकी शक्ति ने लंका के दशकंधर को भयभीत कर दिया।
हनुमान का हर कार्य राम की भक्ति से ओतप्रोत था। सीता का पता लगाना, लंका को जलाना, या संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण को जीवनदान देना—यह सब उनकी अटूट श्रद्धा का चमत्कार था। जैसे कोई पर्वत को हिलाना असंभव लगे, वैसे ही हनुमान के बिना ये कार्य असंभव थे।
राम का नाम हनुमान की साँसों में बस्ता है। जो उनके पास सच्चे मन से जाता है, उसकी हर पीड़ा पल में मिट जाती है। हनुमान वह शक्ति हैं, जो संकटों को धूल में मिला देते हैं। उनकी भक्ति का आलम यह है कि राम का हर भक्त उनके बल से अडिग विश्वास पाता है।
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