लारा लप्पा रोज ही लगाया ना करो

लारा लप्पा रोज ही लगाया ना करो

लारा लप्पा रोज ही लगाया ना करो
भगतो को इतना सताया न करो
आस ले के दूर से जो आते है यहा-2
खाली उन्हें द्वार से लौटाया ना करो
लारा लप्पा ....
भगतो को इतना -....

दिन गिन गिन कई साल गुजरे-2
तेरी मेरी राते तेरे नाल गुजरे
होंसलो ने दम तोड़ा कई बार मां
लेकिन तेरी दया का ना खुला द्वार मां
रस्तो मे हमें यूं घुमाया ना करो-2
भगतो को इतना सताया न करो
लारा लप्पा रोज ही लगाया....
भगतो को इतना....
लारा लप्पा.....

क्या है फरियाद कभी सुनो तो सही
कहने जे आए सदा मन में रही
कुछ तो हमारा बोझ कम करो मां
थोड़ी सी नजरे कर्म करो मां
दुःखी मन और भी दुखाया न करो-2
भगतो को इतना....
लारा लप्पा....

हम थे तेरी अखियो के तारे अम्बिके
हमें छोड़ा किसके सहारे अम्बिके
आंखे तो सवालियो की बरसती रही
झोलिया मुरादो को तरसती रही
बार- बार हमको रुलाया न करो
भगतो को इतना....
लारा लप्पा.....

आस लेके दूर से जे आते है यहां
खाली उन्हें द्वार से लोटाया न करो
लारा लप्पा ....
लारा लप्पा....


लारा लप्पा रोज ही लगाया ना करो इस मन मोहक भजन को कृपा एक बार जरूर सुने

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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