यहां कौन राधा रानी जिसे अपना
यहां कौन राधा रानी जिसे अपना कहूं मैं
यहां कौन राधा रानी जिसे अपना कहूं मैं,
केवल आपका नाम जपूं और पीड़ा सहूं मैं,
मैने आपके हवाले करा जीवन अब ये सारा,
इस डूबते दास को राधे आप ही बचाना।
फिर से आंखें नम हैं मेरी थक गया पुकार के,
तरस खा लो राधा रानी अब तो मेरे हाल पे,
अब तो हाथ थाम लो मै दूर कही खो रहा,
आपके होते हुए देखो क्या मेरे साथ हो रहा।
हार हर एक पल और अपने भी करते छल,
संसार में विलीन करती माया ये प्रबल,
आपको और कृष्ण को छुपाऊ ऐसे हृदय में,
जैसा कोई गरीब राखे पाई पाई रकम।
पास आ जाओ राधा रानी या साथ ही ले जाओ,
इन, आंखों में आंसू देके एक आस ही दे जाओ,
जन्म से भटक रहा सफर पूरा करदो ना,
जनमो से खाली हूं मैं कृपा से अब भर दो ना।
देह के इस घर से निकालो मुझे,
आप ही पनाह दो,
राज ब्रज की बना दो श्री जी,
लता कली बेल धाम वृक्ष की बना दो,
तुलसी या बरसाने की कोई धूल ही बना दो,
चढ़ू रोज़ चरणों का मुझे फूल ही बना दो,
सजू आपके जो हार या श्रृंगार ही बना दो,
कीर्तन का मुझे सुर ताल ही बना दो,
या वृंदावन की होली का गुलाल ही बना दो।
बस पास रखलो अपने मुझसे दूर खुद से करना मत,
राधा राधा राधा राधा राधा नाम चरणामृत,
प्रथम इच्छा अन्तिम इच्छा सारी इच्छा आप ही,
सौंप चूका आपका ये दिल ओ जान स्वांस भी।
आंखों में अकाल पड़ा आंसू भी ना बहते,
जैसे कृष्ण बिना वृन्दावन था हाल ये भी वैसे,
आपके बिना मैं तो विरान ही हूं स्वामिनी,
दास है उदास अब तो आ जाओ ना लेने।
आप याद्दाश्त छीन लो पर,
हम आपको याद तो करेंगे,
आपके पीछे हम,
अपना बुरा हाल तो करेंगे,
आप आओ या ना आओ ये आपकी मर्जी,
हम जिंदगी भर आपका इंतजार तो करेंगे।
राधे राधे।
केवल आपका नाम जपूं और पीड़ा सहूं मैं,
मैने आपके हवाले करा जीवन अब ये सारा,
इस डूबते दास को राधे आप ही बचाना।
फिर से आंखें नम हैं मेरी थक गया पुकार के,
तरस खा लो राधा रानी अब तो मेरे हाल पे,
अब तो हाथ थाम लो मै दूर कही खो रहा,
आपके होते हुए देखो क्या मेरे साथ हो रहा।
हार हर एक पल और अपने भी करते छल,
संसार में विलीन करती माया ये प्रबल,
आपको और कृष्ण को छुपाऊ ऐसे हृदय में,
जैसा कोई गरीब राखे पाई पाई रकम।
पास आ जाओ राधा रानी या साथ ही ले जाओ,
इन, आंखों में आंसू देके एक आस ही दे जाओ,
जन्म से भटक रहा सफर पूरा करदो ना,
जनमो से खाली हूं मैं कृपा से अब भर दो ना।
देह के इस घर से निकालो मुझे,
आप ही पनाह दो,
राज ब्रज की बना दो श्री जी,
लता कली बेल धाम वृक्ष की बना दो,
तुलसी या बरसाने की कोई धूल ही बना दो,
चढ़ू रोज़ चरणों का मुझे फूल ही बना दो,
सजू आपके जो हार या श्रृंगार ही बना दो,
कीर्तन का मुझे सुर ताल ही बना दो,
या वृंदावन की होली का गुलाल ही बना दो।
बस पास रखलो अपने मुझसे दूर खुद से करना मत,
राधा राधा राधा राधा राधा नाम चरणामृत,
प्रथम इच्छा अन्तिम इच्छा सारी इच्छा आप ही,
सौंप चूका आपका ये दिल ओ जान स्वांस भी।
आंखों में अकाल पड़ा आंसू भी ना बहते,
जैसे कृष्ण बिना वृन्दावन था हाल ये भी वैसे,
आपके बिना मैं तो विरान ही हूं स्वामिनी,
दास है उदास अब तो आ जाओ ना लेने।
आप याद्दाश्त छीन लो पर,
हम आपको याद तो करेंगे,
आपके पीछे हम,
अपना बुरा हाल तो करेंगे,
आप आओ या ना आओ ये आपकी मर्जी,
हम जिंदगी भर आपका इंतजार तो करेंगे।
राधे राधे।
हम राधा रानी को अपना सब कुछ मानते हैं और उनके चरणों में अपना जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। हमारा मन केवल उनका नाम जपना चाहता है और हर दुख को सहने के लिए तैयार है। हमें विश्वास है कि केवल राधा रानी ही हमारा सहारा बन सकती हैं। वे ही हमें जीवन के कष्टों से मुक्त कर सकती हैं। उनकी करुणा और कृपा के बिना हम अधूरे हैं। हम उनसे विनती करते हैं कि वे हमें संभालें और हमारी नैया पार लगाएं। जय श्री राधे।
Radha - Vayuu | Radha painfull Song | Radha Krishna New Rap | Hindi Rap
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राधा रानी के प्रति भक्त का मन ऐसी तड़प से भरा है, जैसे कोई प्यासा सागर की एक बूँद को तरसे। उनका नाम ही जीवन का आधार है, जिसमें हर दुख सहने की शक्ति मिलती है। भक्त ने अपना सारा जीवन राधा के हवाले कर दिया, जैसे कोई बच्चा माँ की गोद में सब सौंप देता है। वह पुकारता है कि राधे, इस डूबते दास को अब तू ही बचा ले।
आँखों में आँसू और मन में थकान, फिर भी राधा का नाम होंठों पर थमता नहीं। संसार की माया और छल से घिरा भक्त राधा-कृष्ण को हृदय में छुपाए रखता है, जैसे कोई गरीब अपनी आखिरी पूँजी संभालता है। वह माँगता है कि राधा पास आएँ, उसे अपनी शरण में लें, क्योंकि उनके बिना जीवन वीरान है, जैसे कृष्ण बिना वृंदावन सूना हो।
भक्त की चाह ऐसी है कि वह देह के बंधन से मुक्त होकर राधा के धाम का हिस्सा बन जाए—चाहे तुलसी का पत्ता, बरसाने की धूल, या होली का गुलाल। वह बस राधा के चरणों में सजना चाहता है, उनके कीर्तन का सुर बनना चाहता है। हर साँस, हर इच्छा राधा के नाम हो, और वह उनके बिना एक पल भी न रहे।
राधा न आएँ, तो भी भक्त उनका इंतज़ार नहीं छोड़ेगा। उनकी याद में ही उसका जीवन है। जैसे वृंदावन राधा-कृष्ण की प्रेमलीला में रमा है, वैसे ही भक्त का मन राधा के नाम में डूबा है। वह बस यही प्रार्थना करता है कि राधे, अब तो आ जाओ, अपने दास को थाम लो।
आँखों में आँसू और मन में थकान, फिर भी राधा का नाम होंठों पर थमता नहीं। संसार की माया और छल से घिरा भक्त राधा-कृष्ण को हृदय में छुपाए रखता है, जैसे कोई गरीब अपनी आखिरी पूँजी संभालता है। वह माँगता है कि राधा पास आएँ, उसे अपनी शरण में लें, क्योंकि उनके बिना जीवन वीरान है, जैसे कृष्ण बिना वृंदावन सूना हो।
भक्त की चाह ऐसी है कि वह देह के बंधन से मुक्त होकर राधा के धाम का हिस्सा बन जाए—चाहे तुलसी का पत्ता, बरसाने की धूल, या होली का गुलाल। वह बस राधा के चरणों में सजना चाहता है, उनके कीर्तन का सुर बनना चाहता है। हर साँस, हर इच्छा राधा के नाम हो, और वह उनके बिना एक पल भी न रहे।
राधा न आएँ, तो भी भक्त उनका इंतज़ार नहीं छोड़ेगा। उनकी याद में ही उसका जीवन है। जैसे वृंदावन राधा-कृष्ण की प्रेमलीला में रमा है, वैसे ही भक्त का मन राधा के नाम में डूबा है। वह बस यही प्रार्थना करता है कि राधे, अब तो आ जाओ, अपने दास को थाम लो।
Song :- Radha (राधा)
Prod/Mix/Master :- Vayuu
Flute Sample :- Mithun Bairagi
Poster/Video :- अज्ञात
Prod/Mix/Master :- Vayuu
Flute Sample :- Mithun Bairagi
Poster/Video :- अज्ञात
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Author - Saroj Jangir
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