लियो जम्भेश्वर अवतार धिन गुरु देव ने भजन

लियो जम्भेश्वर अवतार धिन गुरु देव ने भजन

जुग तारण हरि आविया ओ,
जुग तारण हरि आविया,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

माता हंसा ज्यारी केसरी,
पिता लोहट क्षत्रिय कुमार,
धण गुरु देव ने,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

जिला रे जोधपुर गांव पीपासर,
जित अवतार लियो जम्भेश्वर,
कियो पीपासर उजियार,
धण गुरु देव ने,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

पंद्रह सौ आठे री साल में,
भादवे री आठम सोमवार,
धण गुरु देव ने,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

चारखूट और चोवदे भवन में,
घूमियो ओ सिरजनहार,
धण गुरु देव ने,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

जाम्भाणी पंथ सही कर मानो,
है खांडे री आ धार,
धण गुरु देव ने,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

उनतीस नियम बताविया,
कोई इमारत पाल पिलाय,
धण गुरु देव ने,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

अनभी राजा निवाविया,
कोई शब्दों रो ज्ञान सुनाय,
धण गुरु देव ने,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

रामकरण चरणों रो चाकर,
म्हाने भव सूं ओ पार उतार,
धण गुरु देव ने,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।

जुग तारण हरि आविया ओ,
जुग तारण हरि आविया,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धण गुरु देव ने।।


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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