Lanka Kand

लंका काण्ड-17 Tulsi Das Ram Charit Mans

सुनत बिभीषन बचन राम के। हरषि गहे पद कृपाधाम के।। बानर भालु सकल हरषाने। गहि प्रभु पद गुन बिमल बखाने।। बहुरि बिभीषन भवन सिधायो। मनि गन बसन ...

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लंका काण्ड-16 Tulsi Das Ram Charit Mans

प्रभु के बचन सीस धरि सीता। बोली मन क्रम बचन पुनीता।। लछिमन होहु धरम के नेगी। पावक प्रगट करहु तुम्ह बेगी।। सुनि लछिमन सीता कै बानी। बिरह ब...

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लंका काण्ड-15 Tulsi Das Ram Charit Mans

पति सिर देखत मंदोदरी। मुरुछित बिकल धरनि खसि परी।। जुबति बृंद रोवत उठि धाईं। तेहि उठाइ रावन पहिं आई।। पति गति देखि ते करहिं पुकारा। छूटे क...

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लंका काण्ड-14 Tulsi Das Ram Charit Mans

तेही निसि सीता पहिं जाई। त्रिजटा कहि सब कथा सुनाई।। सिर भुज बाढ़ि सुनत रिपु केरी। सीता उर भइ त्रास घनेरी।। मुख मलीन उपजी मन चिंता। त्रिजटा...

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लंका काण्ड-12 Tulsi Das Ram Charit Mans

एहीं बीच निसाचर अनी। कसमसात आई अति घनी। देखि चले सन्मुख कपि भट्टा। प्रलयकाल के जनु घन घट्टा।। बहु कृपान तरवारि चमंकहिं। जनु दहँ दिसि दामि...

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लंका काण्ड-13 Tulsi Das Ram Charit Mans

दसमुख देखि सिरन्ह कै बाढ़ी। बिसरा मरन भई रिस गाढ़ी।। गर्जेउ मूढ़ महा अभिमानी। धायउ दसहु सरासन तानी।। समर भूमि दसकंधर कोप्यो। बरषि बान रघुपति...

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लंका काण्ड-11 Tulsi Das Ram Charit Mans

सुर ब्रह्मादि सिद्ध मुनि नाना। देखत रन नभ चढ़े बिमाना।। हमहू उमा रहे तेहि संगा। देखत राम चरित रन रंगा।। सुभट समर रस दुहु दिसि माते। कपि जय...

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लंका काण्ड-10 Tulsi Das Ram Charit Manas

सक्ति सूल तरवारि कृपाना। अस्त्र सस्त्र कुलिसायुध नाना।। डारह परसु परिघ पाषाना। लागेउ बृष्टि करै बहु बाना।। दस दिसि रहे बान नभ छाई। मानहुँ...

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लंका काण्ड-09 Tulsi Das Ram Charit Mans

कपि तव दरस भइउँ निष्पापा। मिटा तात मुनिबर कर सापा।। मुनि न होइ यह निसिचर घोरा। मानहु सत्य बचन कपि मोरा।। अस कहि गई अपछरा जबहीं। निसिचर नि...

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