मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो Maiya Mori Main Nahi Makhan Khayo
मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो
कहत सुनत में आकर काहे झूठा दोश लगायो
रि मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो
यमुना के तट पर ग्वाल बन संग चार सहार मैं खेला
गैय्या चरावत बंसी बजावत साँझ की बेला
भूक लगी तो दौड़त दौड़त सीधा मैं घर आयो
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो ...
न कोई मैं ने मटकी फोड़ी न कोई की है चोरी
जान लिया क्यों मुझको झूठा तूने मैय्य मोरी
अपने अंग को कैसे समझा तूने आज परायो
मैया मोरि मैं नहीं माखन खायो ...
मैं तो बाबा नन्द के लाला, काहे चोर कहाऊँ
अपने घर में कौन कमी जो बाहर माखन खाऊँ
बात सुनी तो माता यशोदा, हँसकर कंठ लगायो
फिर बोली
तू नहीं माखन खायो
रे कृष्णा मोरे, तू नहीं माखन खायो
Maiya Mori Main Nahin Makhan Khayo
Maiya Mori, Main Nahin Maakhan Khaayo Kahat Sunat Mein Aakar Kaahe Jhutha Dosh Lagaayo Ri Maiya Mori, Main Nahin Maakhan Khaayo Yamuna Ke Tat Par Gvaal Ban Sang Chaar Sahaar Main Khela Gaiyya Charaavat Bansi Bajaavat Saanjh Ki Bela Bhuk Lagi To Daudat Daudat Sidha Main Ghar Aayo Maiya Mori Main Nahin Maakhan Khaayo ...
Na Koi Main Ne Mataki Phodi Na Koi Ki Hai Chori Jaan Liya Kyon Mujhako Jhutha Tune Maiyy Mori Apane Ang Ko Kaise Samajha Tune Aaj Paraayo Maiya Mori Main Nahin Maakhan Khaayo ... Main To Baaba Nand Ke Laala, Kaahe Chor Kahaun Apane Ghar Mein Kaun Kami Jo Baahar Maakhan Khaun Baat Suni To Maata Yashoda, Hansakar Kanth Lagaayo Phir Boli Tu Nahin Maakhan Khaayo Re Krshna More, Tu Nahin Maakhan Khaayo
भजन का भावार्थ : इस भजन में, भगवान कृष्ण अपनी माँ यशोदा से कहते हैं की उन्होंने माखन चोरी करके नहीं खाया है। श्री कृष्ण जी अपनी माता को यकीन दिलाने के लिए कहते हैं के वे तो यमुना के तट पर अन्य ग्वाल बालों के साथ खेल रहे थे। वे गैया चरा रहे थे और बंसी बजा रहे थे। शाम होने पर उन्हें भूख लगी, तो वे सीधे घर आ गए। वे अपनी माँ से कहते हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। भजन में, भगवान कृष्ण की बचपन की मासूमियत और उनकी माँ के प्रति प्रेम का वर्णन किया गया है। भगवान कृष्ण अपनी माँ से झूठ नहीं बोलना चाहते हैं, इसलिए वे अपनी माँ से कहते हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। अतः यह मधुर भजन हमें श्री कृष्ण जी की बाल लीला का चित्रण करवाता है.
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।