तेरा मिलण सुदामा यार आया भजन

द्वारपाल हसदे ने बन्दा है मलंग जा,
झिपदा नी भोरा देखो मेहमान नंग जा,
जा के महलां च सुनेहां लाया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
तेरा मिलण सुदामा यार आया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
श्रेणी : कृष्ण भजन Krishna Bhajan

तेरा मिलण सुदामा यार आया द्वारपालो श्याम नूँ कहो भजन

ड्योडी सामने खलो के सवाल पाया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
तेरा मिलण सुदामा यार आया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,

लई नी ख़बर ओहने कदे मेरे घर दी,
यार नूँ भुलाता तुहाढा राजा है बेदर्दी,
ओहने कदे चिट्ठी चीरा वी नी पाया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
तेरा मिलण सुदामा यार आया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,

करके पढ़ाइयां असीं शादियां करवाईया ने,
मैं इक करवाई एहने अठ करवाईया ने,
अठे रानियां ने बन्न के बिठाया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
तेरा मिलण सुदामा यार आया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,

द्वारपाल हसदे ने बन्दा है मलंग जा,
झिपदा नी भोरा देखो मेहमान नंग जा,
जा के महलां च सुनेहां लाया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
तेरा मिलण सुदामा यार आया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,

लूटन सुदामा आ गया नूर दे नजारे नूँ,
मिलेआ संदेश देव सँवारे प्यारे नूँ,
दौडेया नंगे पैरी एन्ना चा चढ़ाया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
तेरा मिलण सुदामा यार आया,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,
द्वारपालो श्याम नूँ कहो,


Best Kavishri/ Tera Milan Sudama yaar aya/ kavishr BHIM MAUR

Krshna Sudaama Bhajan Liriks
Dyodee Saamane Khalo Ke Savaal Paaya,
Dvaarapaalo Shyaam Noon Kaho,
Tera Milan Sudaama Yaar Aaya,
Dvaarapaalo Shyaam Noon Kaho,
Dvaarapaalo Shyaam Noon Kaho,


SWAMI DUDHDHARI G NAMOL, SEWAK BHIM MAUR, KAVISHRI,,, TERA MILLAN SUDAMA YAAR AYA 

सुदामा की पुकार श्याम के द्वार पर गूँजती है—द्वारपालों, मेरे यार को बता दो, उसका सुदामा मिलने आया। गरीबी में दिन काटे, कभी श्याम की खबर न पाई। मन में टीस कि क्या मेरा दोस्त मुझे भूल गया? न चिट्ठी, न पैगाम—पर दिल का रिश्ता तो वही पुराना है।

सुदामा कहता है, हमने एक शादी कराई, उसने आठ रचाईं। रानियों के बीच राजा बना मेरा श्याम, पर मैं तो वही उसका मलंग दोस्त। द्वारपाल हँसते हैं, कहते हैं—नंगा मेहमान, सुनहरा महल तुझे क्या देगा? पर सुदामा का विश्वास अटल—मेरा श्याम बदला नहीं।

तभी श्याम दौड़े आते हैं, नंगे पाँव, सुदामा को गले लगाते हैं। वह नूर, वह प्रेम—सुदामा की आँखें भर आती हैं। श्याम का दर यही सिखाता है—सच्ची दोस्ती और भक्ति में न ऊँच-नीच, न माया का हिसाब। बस, दिल से पुकारो, श्याम दौड़े चले आएँगे।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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