जगराता है महारानी का दिन है भजन

जगराता है महारानी का दिन है बड़ा अनमोल भजन

 
जगराता है महारानी का दिन है भजन

 (मुखड़ा)
जगराता है महारानी का,
दिन है बड़ा अनमोल,
क्यों तू यहाँ उदास खड़ा है,
अपने लब को खोल,
दीवाने जय माता दी बोल,
भगता जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल।।


(अंतरा)
जगजननी, जगदंबे भवानी,
सारे जगत की तू महारानी,
तेरी ममता की, मेरी मैया,
कैसे लगाएँ मोल,
दीवाने जय माता दी बोल,
भगता जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल।।

चाँद सी बिंदिया चम-चम चमके,
हाथ की मेहंदी दम-दम दमके,
पीली-पीली शेरों वाली,
सबकी किस्मत खोल,
दीवाने जय माता दी बोल,
भगता जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल।।

लहर-लहर लहराए चुनरिया,
रिमझिम-रिमझिम बरसे बदरिया,
तेरे दर पे ओ मेरी मैया,
बज रहे ताशे, ढोल,
दीवाने जय माता दी बोल,
भगता जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल।।

(पुनरावृत्ति)
जगराता है महारानी का,
दिन है बड़ा अनमोल,
क्यों तू यहाँ उदास खड़ा है,
अपने लब को खोल,
दीवाने जय माता दी बोल,
भगता जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल,
जय माता दी बोल।।

Navratri Utsav Devi Maa Bhajan | जय माता दी बोल | Jai Mata Di Bol | Rahul Rana | Latest Bhajan

Song: Jai Mata Di Bol
Singer: Rahul Rana
Music: Sunny Hari
Lyrics: Chhote Lal Dada
DOP: Sukh Sagar, Suraj & Darsh 

यह भजन माता रानी के स्वागत एवं जगराते का सुंदर चित्रण है। भजन में बताया गया है कि यह दिन बड़ा अनमोल है, जिसमें माता का जागरण होता है और भक्त उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे उदास न हों। मुखड़ा बार-बार श्रद्धालुओं को जय माता दी बोलने और भक्तिभाव से माता का गुणगान करने के लिए प्रेरित करता है। भजन के अंतरा में माता को जगजननी, जगदंबा, भवानी के रूप में पूजते हुए उनकी ममता, सौंदर्य और शक्ति का वर्णन है।

चुनरिया, मेहंदी, पायल जैसी श्रृंगारिक वस्तुएं और ढोल-ताशों की धुन से वातावरण उत्सवपूर्ण और भक्तिपूर्ण हो जाता है। यह गीत भक्तों के मन में माता के प्रति असीम प्रेम और भक्ति की भावना जगाता है। इस भजन का उद्देश्य श्रद्धालुओं को यह स्मरण करवाना है कि माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके प्रति प्रेम और श्रद्धा से जयकारा लगाना चाहिए।

माता दुर्गा को महारानी इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे संपूर्ण सृष्टि की आदि शक्ति, जगदम्बा, और राक्षसों का संहार करने वाली देवी हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब महिषासुर नामक असुर ने देवताओं को परास्त कर स्वर्ग पर कब्ज़ा कर लिया, तब सभी देवताओं ने अपनी-अपनी शक्तियाँ एकत्रित कीं और उनसे माता दुर्गा का जन्म हुआ। वे सभी शक्तियों का सम्मिलित रूप हैं, जिनका प्रमुख उद्देश्य दुष्टों का विनाश करना और धर्म की स्थापना करना है। उनके आठ भुजाओं में विभिन्न शस्त्र रहते हैं, जो उनके शक्ति और संहारक रूप का प्रतीक हैं।

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