(मुखड़ा)
हे शेरावाली, नज़र एक कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो,
अपने ही रंग में मेरा चोला रंग दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।
(अंतरा)
तेरे सिवा ना मुझे कुछ भी भाए,
देखूँ जिधर भी, नज़र तू ही आए,
मुझको दीवाना कर, इस क़दर दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।
रूठे भले माँ, ये सारा ज़माना,
हे जग की मालिक, ना तुम रूठ जाना,
सिर पे तू मेरे माँ, हाथ धर दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।
दे दो मुझे भीख में अपनी भक्ति,
चढ़ के ना उतरे माँ, दो ऐसी मस्ती,
फैलाए कब से खड़ा, झोली भर दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।
सोए जगा दो, हे माँ भाग्य मेरे,
गाता रहूँ बस, भजन मैया तेरे,
‘राजू’ को मैया, बस इतना वर दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।
(पुनरावृति)
हे शेरावाली, नज़र एक कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो,
अपने ही रंग में मेरा चोला रंग दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।