हे शेरावाली नजर एक कर दो भजन

हे शेरावाली नजर एक कर दो भजन

 (मुखड़ा)
हे शेरावाली, नज़र एक कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो,
अपने ही रंग में मेरा चोला रंग दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।


(अंतरा)
तेरे सिवा ना मुझे कुछ भी भाए,
देखूँ जिधर भी, नज़र तू ही आए,
मुझको दीवाना कर, इस क़दर दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।

रूठे भले माँ, ये सारा ज़माना,
हे जग की मालिक, ना तुम रूठ जाना,
सिर पे तू मेरे माँ, हाथ धर दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।

दे दो मुझे भीख में अपनी भक्ति,
चढ़ के ना उतरे माँ, दो ऐसी मस्ती,
फैलाए कब से खड़ा, झोली भर दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।

सोए जगा दो, हे माँ भाग्य मेरे,
गाता रहूँ बस, भजन मैया तेरे,
‘राजू’ को मैया, बस इतना वर दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।

(पुनरावृति)
हे शेरावाली, नज़र एक कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो,
अपने ही रंग में मेरा चोला रंग दो,
हे शेरावाली, नज़र मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ, मेहर एक कर दो।।
 

माँ की शरण में जब मन समर्पित होता है, तब सारी सांसारिक चाहें तुच्छ हो जाती हैं। यह पुकार उस हृदय की है, जो माँ की एक कृपादृष्टि के लिए तड़पता है, जो उनके प्रेम के रंग में रंगने को आतुर है। जैसे कोई बच्चा माँ की गोद में सारा सुख पा लेता है, वैसे ही भक्त माँ के दर्शन और उनकी मेहर में जीवन का सच्चा आनंद तलाशता है।

माँ का रूप हर दिशा में दिखाई देता है, जब मन उनकी भक्ति में डूब जाता है। यह दीवानगी केवल उन्माद नहीं, बल्कि उस प्रेम की गहराई है, जो भक्त को माँ के सिवा कुछ और देखने नहीं देती। संसार चाहे रूठ जाए, माँ का प्रेम वह अटूट आश्रय है, जो कभी नहीं डगमगाता। उनके हाथ का स्पर्श, उनकी कृपा, मन को ऐसी शक्ति देती है, जो हर भय और दुख को मिटा देती है।

माँ की भक्ति वह भीख है, जो भक्त का सबसे बड़ा धन बन जाती है। यह भक्ति ऐसी मस्ती है, जो हृदय को सदा माँ के रंग में डुबोए रखती है। जैसे कोई भिखारी अपनी झोली भरने की आस में खड़ा रहता है, वैसे ही भक्त माँ की कृपा की प्रतीक्षा में उनके द्वार पर ठहरता है। उनकी भक्ति का रस ऐसा है, जो एक बार चखने के बाद मन को कभी तृप्त नहीं होने देता।

माँ का नाम जपना, उनके भजन गाना, और उनके चरणों में जीवन अर्पित करना—यह वह भाग्य है, जो भक्त हर साँस में माँगता है। यह प्रार्थना केवल वरदान की नहीं, बल्कि उस जीवन की है, जो माँ के प्रेम और भक्ति में रमा रहे। माँ की कृपा से जागा मन, उनके भजनों में डूबा हृदय, और उनकी शरण में ठहरा जीवन—यही वह सच्चा सुख है, जो भक्त को सदा माँ के चरणों से जोड़े रखता है।

 २०२१ नवरात्रि स्पेशल हे शेरावाली नज़र एक करदो आपके मन को मोह लेगा यह गीत

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