राम नाम की चाभी ऐसी हर ताले भजन

राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे,
काम बनगे बिगड़े सारे,जय श्री राम बोलदे,
बोलो राम राम बोलो राम राम राम जय श्री राम,
पत्थर की थी एक शिला जो कब से पड़ी थी रहो में,
चरण कमल छू नार बनी वो प्रभु उठये बाहो में,
जन्म जन्म के कर्म हमारे वो इक पल में तोल दे,
काम बनगे बिगड़े सारे,जय श्री राम बोलदे,
बोलो राम राम बोलो राम राम राम जय श्री राम,

श्रेणी : श्री राम भजन Ram Bhajan Lyrics
गायक : Avinash Karn

राम नाम की चाभी ऐसी हर ताले को खोल दे भजन

राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे,
काम बनगे बिगड़े सारे,जय श्री राम बोल दे,
बोलो राम राम बोलो राम राम राम जय श्री राम,

पत्थर की थी एक शिला जो कब से पड़ी थी रहो में,
चरण कमल छू नार बनी वो प्रभु उठायें बाहों में,
जनम जनम के करम हमारे, वो इक पल में तोल दे,
काम बनगे बिगड़े सारे, जय श्री राम बोल दे,
बोलो राम राम बोलो राम राम राम जय श्री राम,

पार करा के नदियाँ केवट लखन सिया रघु राज को,
जान गया वो किरपा सिंधु के छुपे हुए अंदाज को,
प्रेम के बदले दीन दयाला द्वार मोक्ष के खोल दे,
काम बनगे बिगड़े सारे, जय श्री राम बोलदे,
बोलो राम राम बोलो राम राम राम जय श्री राम,

सबरी व्याकुल थी दर्शन को वेर तोड़ के लाती थी,
मीठे मीठे रखे वनवारी खते पहल खुद खाती थी,
खाके झूठे बेर भक्त को निज दर्शन अनमोल दे,
काम बनगे बिगड़े सारे, जय श्री राम बोल दे,
बोलो राम राम बोलो राम राम राम जय श्री राम,

राम विमुख है जो प्राणी यहाँ दर दर ठोकर खाते हैं,
महिमा ऐसी राम नाम से पत्थर भी तर जाते हैं,
भक्त हनुमान राम नाम की मिश्री कानो में घोल दे,
काम बनगे बिगड़े सारे, जय श्री राम बोल दे,
बोलो राम राम बोलो राम राम राम जय श्री राम,

राम नाम की चाबी - Ram Bhajan Ram Naam Ki Chabi - Avinash Karn #AmbeyBhakti

Album - Ram Naam Ki Chabi
Song - Ram Naam Ki Chabi
Singer - Avinash Karn
Music - Vikash Kumar
Lyrics - Subhash Chand Bisariya
 
राम का नाम वह चाबी है, जो हर बंद ताले को खोल देता है। बिगड़े काम संवर जाते हैं, बस जय श्री राम बोलो। यह नाम मन को शक्ति देता है, जैसे सूरज की किरण अंधेरे को मिटाए।

पत्थर की शिला थी अहिल्या, बरसों राह में पड़ी। राम के चरण छूते ही वह नारी बनी, प्रभु ने उसे बाहों में उठाया। जनम-जनम का हिसाब एक पल में चुक जाता है। केवट ने नदिया पार कराई, सिया-लखन-राम को ले गया। उसने जाना कि राम की कृपा मोक्ष का द्वार खोल देती है।

शबरी बेर तोड़ लाती, पहले चखकर प्रभु को देती। झूठे बेर खाकर राम ने उसे अपने दर्शन दिए—भक्ति का ऐसा अनमोल फल। जो राम से विमुख, वह ठोकर खाए, पर हनुमान सा भक्त राम-नाम की मिठास कानों में घोल देता है। बस, राम-राम जपो, और हर मुश्किल आसान हो जाए, जैसे नदी सागर में मिल जाए।
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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