आया हूँ तेरे दर पे ऐ श्याम खाटू वाले

आया हूँ तेरे दर पे ऐ श्याम खाटू वाले

आया हूँ तेरे दर पे,
ऐ श्याम खाटू वाले,
हारा हुआ हूँ जग से,
चरणों में तू बिठा ले,
आया हूँ तेरे दर पे।

दुनिया की भीड़ में तो,
जीना हुआ है मुश्किल,
रस्ते में ठोकरे थी,
मुझको मिली ना मंजिल,
अब तो ये जिंदगानी,
कर दी तेरे हवाले,
हारा हुआ हूँ जग से,
चरणों में तू बिठा ले,
आया हूँ तेरे दर पे।

बाबा मैं सत्य पथ पे,
चलता रहा अकेले,
लेकिन मिले मुझे तो,
झूठे ये जग के मेले,
सत्संग की अगन में,
मुझको भी तू तपा ले,
हारा हुआ हूँ जग से,
चरणों में तू बिठा ले,
आया हूँ तेरे दर पे।

जो भी कदम बढाऊँ,
माया पुकारती है,
भटके नही कभी वो,
जिनका तू सारथि है,
चोखानी चाहे सेवा,
चाकर मुझे बना ले,
हारा हुआ हूँ जग से,
चरणों में तू बिठा ले,
आया हूँ तेरे दर पे।

आया हूँ तेरे दर पे,
ऐ श्याम खाटू वाले,
हारा हुआ हूँ जग से,
चरणों में तू बिठा ले,
आया हूँ तेरे दर पे।
 

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