ऐसी कृपा करो श्री राधे दीजो
ऐसी कृपा करो श्री राधे दीजो
ऐसी कृपा करो श्री राधे दीजो वृन्दावन को वास वृन्दावन को वास,
दीजो हरि भक्तन को साथ भूख लगे भिक्षा कर लाऊ,
व्रज वासीन के टुकडा पाऊ प्यास
लगे यमुना जलप ईके निधुवन करू निवास
गोवर्धन परिक्रमा लगाऊ, मानसी गग प्रेम से नहाऊ
राधा कुण्ड और कृष्ण कुण्ड मेङ नित्य करू स्नान नन्द-गाव बरसाने जाऊ,
राधेजू के दर्शन पाऊ गहवर वन परिक्रमा लगाऊ,
दानकुटी और मानकुटी पे देखू रास विलास नन्द बाबा के द्वारे जाऊ,
दाऊ भैया के दर्शन पाऊ पावन सरोवर प्रेम से नहाऊ,
बाङ्के-बिहारी के दर्शन पाय के है जाय पूरण आस
दीजो हरि भक्तन को साथ भूख लगे भिक्षा कर लाऊ,
व्रज वासीन के टुकडा पाऊ प्यास
लगे यमुना जलप ईके निधुवन करू निवास
गोवर्धन परिक्रमा लगाऊ, मानसी गग प्रेम से नहाऊ
राधा कुण्ड और कृष्ण कुण्ड मेङ नित्य करू स्नान नन्द-गाव बरसाने जाऊ,
राधेजू के दर्शन पाऊ गहवर वन परिक्रमा लगाऊ,
दानकुटी और मानकुटी पे देखू रास विलास नन्द बाबा के द्वारे जाऊ,
दाऊ भैया के दर्शन पाऊ पावन सरोवर प्रेम से नहाऊ,
बाङ्के-बिहारी के दर्शन पाय के है जाय पूरण आस
सुंदर भजन में राधारानी की कृपा और वृंदावन की पावन भूमि के प्रति गहरी भक्ति का उद्गार है। यह मन की पुकार है, जो वृंदावन में बसने और हरि भक्तों के संग की लालसा रखती है। जैसे कोई तीर्थयात्री पवित्र स्थल की ओर खिंचा चला जाता है, वैसे ही भक्त का हृदय राधारानी की शरण में वृंदावन की धूल को गले लगाने को आतुर है। यहाँ की हर गली, हर कुंड, हर वन प्रभु के प्रेम से सराबोर है।
वृंदावन का वास भक्त के लिए सबसे बड़ा वरदान है, जहाँ भूख लगे तो व्रजवासियों की भक्ति भरी भिक्षा मिले, और प्यास लगे तो यमुना का निर्मल जल तृप्त करे। निधुवन में निवास, गोवर्धन की परिक्रमा, मानसी गंगा में स्नान, और राधा-कृष्ण कुंड में नित्य डुबकी—यह सब भक्त के मन को प्रेम और शांति से भर देता है। जैसे फूल कली से खिलकर सुगंध बिखेरता है, वैसे ही वृंदावन की हर लीला भक्त के हृदय को प्रभु के रंग में रंग देती है।
नंदगाँव, बरसाने, गहवर वन, दानकुटी और मानकुटी में राधारानी और श्रीकृष्णजी के रास विलास के दर्शन की कामना भक्त के प्रेम को और गहरा करती है। यहाँ नंद बाबा, दाऊ भैया और बाँके बिहारी के दर्शन से मन की सारी आस पूरी हो जाती है। जैसे प्यासा जलधारा पाकर तृप्त होता है, वैसे ही पावन सरोवर में स्नान और प्रभु के दर्शन से भक्त का मन प्रेम में डूब जाता है।
Related Posts: