तुम मेरी राखो लाज हरि मीनिंग Tum Rakho Meri Laj Hari Meaning

तुम मेरी राखो लाज हरि Bhajan Tum Rakho Meri Laaj Hari

तुम मेरी राखो लाज हरि हिंदी मीनिंग Tum Rakho Meri Laj Hari Meaning
तुम मेरी राखो लाज हरि
तुम जानत सब अन्तर्यामी
करनी कछु ना करी
तुम मेरी राखो लाज हरि
अवगुन मोसे बिसरत नाहिं
पलछिन घरी घरी
सब प्रपंच की पोट बाँधि कै
अपने सीस धरी

तुम मेरी राखो लाज हरि
दारा सुत धन मोह लिये हौं
सुध-बुध सब बिसरी
सूर पतित को बेगि उबारो
अब मोरि नाव भरी
तुम मेरी राखो लाज हरि
 
हिंदी मीनिंग : इस पद में सूरदास जी भगवान कृष्ण से प्रार्थना करते हैं कि वे उनकी लाज बचाएं। वे कहते हैं कि वे एक अज्ञानी और पापी व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं किया है। उनके पास केवल भगवान के नाम का सहारा है। वे भगवान से कहते हैं कि वे उनकी लाज बचाएं, क्योंकि वे जानते हैं कि भगवान ही उनकी लाज बचा सकते हैं। सूरदास जी भगवान की महिमा का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान सब कुछ जानते हैं, वे अंतर्यामी हैं। उन्होंने अपने जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं किया है, फिर भी वे भगवान से विनती करते हैं कि वे उनकी लाज बचाएं। सूरदास जी अपने पापों को स्वीकार करते हैं। 
 
वे कहते हैं कि उनके अवगुन उन्हें कभी नहीं भूलते हैं। वे हर समय अपने पापों को याद करते हैं। सूरदास जी कहते हैं कि उन्होंने मोह माया में पड़कर सब कुछ खो दिया है। उन्होंने अपना सुख, शांति और ज्ञान सब कुछ खो दिया है। सूरदास जी फिर से भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे उनकी लाज बचाएं। वे कहते हैं कि अब उनकी नाव भर चुकी है। अब उन्हें किसी और की मदद की जरूरत नहीं है।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

+

एक टिप्पणी भेजें