चलो अमरनाथ दर्शन करिये

चलो अमरनाथ दर्शन करिये

चलो अमरनाथ दर्शन करिये ये है
भोले का द्वार दर्शन करिये,

ख़ाली जाना नहीं झोली भरिये,
बाबा का ज़रा ध्यान करिये,
भोले का ध्यान करिये,
ॐ शिव ॐ शिव जपिये
शिव जी का नाम
सुबहो शाम जपिये,

लाज मेरी भोले नाथ जी रखना,
देके वरदान मेरी ख़ाली झोली भरना,
शिव जी हो सुनियो अर्ज मेरी दुःख दूर करना
दासी पे भोले नाथ बाबा दया करना,
भोले नाथ जी दया करिये
भक्तो को वरदान दीजिये,
बाबा का ज़रा ध्यान करिये,
भोले का ज़रा ध्यान करिये....

अमर नाथ बाबा सच्चा तेरा धमा है
मैंने भी सुना बाबा तेरा बड़ा नाम है,
करो कल्याण मेरा बाबा बर्फानी
इनके विश्वाश आई द्वार पे दीवानी,
शिव शम्बू कल्याण करिये,
भक्तो को वरदान दीजिये,
भोले का ज़रा ध्यान करिये....

चलो अमरनाथ दर्शन करिये ये है
भोले का द्वार दर्शन करिये,
ख़ाली जाना नहीं झोली भरिये,
बाबा का ज़रा ध्यान करिये,
 
पूरा महादेव मंदिर : उतर प्रदेश के मेरठ के पास एक छोटे से गाँव में स्थापित है पूरा महादेव मंदिर। श्री शिव भक्तों की आस्था का महा केंद्र है यह मंदिर। यह मंदिर बहुत प्राचीन है और सिद्धपीठ माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण भगवान् परशुराम जी के द्वारा किया गया है। हरिद्वार से गंगा का पवित्र जल कावड़ लाकर यहाँ चढाने से श्री शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और अत्यंत ही शुभ माना जाता है। 

 
सुन्दर भजन में अमरनाथ बाबा की महिमा और उनकी कृपा का गहन भाव प्रकट होता है। यह भाव केवल श्रद्धा की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि आत्मा की पुकार है—जहाँ भक्त अपने समस्त दुखों को बाबा के चरणों में समर्पित कर उनकी कृपा की याचना करता है। अमरनाथ की पवित्र यात्रा केवल एक भौतिक यात्रा नहीं, बल्कि भक्त के मन में ईश्वरीय अनुभूति और आत्म-विसर्जन का अवसर भी है।

शिव शम्भू की आराधना से भक्त को जीवन में स्थिरता, धैर्य और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। सुन्दर भजन में यह भाव स्पष्ट होता है कि बाबा की दया से भक्त की झोली स्नेह और आशीर्वाद से भर जाती है। जब कोई सच्चे मन से शिवजी का ध्यान करता है, तो वह सांसारिक दुःखों से मुक्त होकर उनकी कृपा का पात्र बनता है।

अमरनाथ बाबा का धाम भक्ति का अनोखा केंद्र है—जहाँ हर भक्त शिवजी की महिमा का गुणगान करता है। यह भाव प्रकट होता है कि शिवजी केवल वरदान देने वाले ही नहीं, बल्कि जीवन को मोक्ष और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करने वाले हैं। जब भक्त उनकी आराधना में तल्लीन होता है, तब उसे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, और उसकी आत्मा शिव तत्व में विलीन हो जाती है।
 
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