दो आंसू तो दे दे चरणों में बहाने को
कुछ दे या ना दे श्याम, इस अपने दीवाने को,
दो आंसू तो दे दे, चरणों में बहाने को
दो आंसू तो दे दे.......
नरसी ने बहाये थे,मीरा ने बहाये थे
जब जब भी कोई रोया,तुम दौड़ के ए थे
काफी हे दो बुँदे,घनश्याम रिझाने को
दो आंसू तो दे दे.......
आंसू वो खजाना हे,किस्मत से मिलता हे
इनके बह जाने से, मेरा श्याम पिघलता हे
करुणा का तू सागर हे,अब छोड़ बहाने को
दो आंसू तो दे दे.......
दुःख में बह जाते हे,खुशियों में जरुरी हे
आंसू के बिना संजू, हर आंख अधूरी हे
पूरा करते आंसू हर एक हर्जाने को
दो आंसू तो दे दे....... इस भजन में, भक्त श्याम जी से अपने चरणों में बहाने के लिए दो आंसू देने की विनती करता है। वह कहता है कि वह कुछ भी नहीं मांगता है, लेकिन बस दो आंसू चाहता है। वह नरसी और मीरा जैसे भक्तों के उदाहरण देता है, जिन्होंने श्याम जी के चरणों में आंसू बहाए थे और उनकी कृपा प्राप्त की थी।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं