अबके फागुन में खेलेंगे होली खाटू धाम की

अबके फागुन में खेलेंगे होली खाटू धाम की

श्याम के दर पे धूम मचाऊं,
नाचू खुद और सबको नचाऊं,
तरह तरह के रंग से सजेगी,
नगरी श्याम की,
अबके फागुन में खेलेंगे,
होली खाटू धाम की।

श्याम को रंग देंगे केसरियां रंग में,
होली की मस्ती भरी सबके अंग में,
भगवान खेले हैं भक्तों के संग में,
बिना श्याम होली की,
मस्ती है किस काम की,
अबके फागुन में खेलेंगे,
होली खाटू धाम की।

खाटू में जायेगी भक्तों की टोली,
मिलके गले बोलेंगे मीठी बोली,
डाले गुलाल भर भर के झोली ,
ऐसी होली होगी,
जैसे गोकुल गांव की,
अबके फागुन में खेलेंगे,
होली खाटू धाम की।

दिल के मेले जो होली मिलन में,
प्यारी उमंगें भरी सबके मन में,
रजो का मन हो श्याम की लगन में,
बप्पा चाहे श्याम की,
सेवा सुबह शाम की,
अबके फागुन में खेलेंगे,
होली खाटू धाम की। 
 

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