जब कोई नहीं आता तब आता यही है

जब कोई नहीं आता तब आता यही है

जब कोई नहीं आता तब आता यही है,
माँझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।

आंधी और तूफानो से लगता ना डर,
दुनिया की अब मुझको ना फिकर,
रहमत की मुझ पे बरसात हो गई,
जब से सांवरे से मुलाकात हो गई,
मुलाकात हो गई,
उलझन मेरी सारी सुलझाता यही है,
माँझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।

दर पर तेरे जब से आए हैं हम,
कभी ना रुलाया खाके कहते कसम,
अपनों से ज्यादा मुझे प्यार मिल गया,
दर पर तेरे श्याम परिवार मिल गया,
परिवार मिल गया,
प्रेमी से प्रेमी को मिलाता यही है,
माँझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।

तेरा ये सुरूर मेरे मन में चढ़ा,
धीरे धीरे बाबा मैं भी आगे बढ़ा,
भजनों को जबसे मैं गाने लगा,
जीवन से अंधेरा मेरे जाने लगा,
मेरे जाने लगा,
डूबे सूरज को तो उगाता यही है,
माँझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।

जब कोई नहीं आता तब आता यही है,
माँझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।


जब कोई नहीं आता तब आता यही है

जब कोई नहीं आता तब आता यही है
माझी मां जीवन नैया को पार लगाता यही है
की हारे का सहारा यही है

आंधी और तूफान से लगता ना डर
दुनिया की अब मुझको ना फिकर
रहमत की मुझ पर बरसात हो गई
जब से सांवरे से मुलाकात हो गई
मुलाकात हो गई..........
उलझन मेरी सारी सुलझाता यही है
माझी मां जीवन नैया को पार लगाता यही है
की हारे का सहारा यही है

दर पर तेरे जब से आए हैं हम
कभी ना रुलाया खाकर कहते कसम
अपनों से ज्यादा मुझे प्यार मिल गया
दर पर तेरे श्याम परिवार मिल गया
परिवार मिल गया............
ऐसे प्रेमी को मिलाता यही है
माझी मां जीवन नैया को पार लगाता यही है
की हारे का सहारा यही है

तेरा यह सुरूर मेरे मन में चढ़ा
धीरे धीरे बाबा मैं भी आगे बढ़ा
भजनों को जब से मैं गाने लगा
जीवन से अंधेरा मेरे जाने लगा
डूबे सूरज को तो उगाता यही है
माझी मां जीवन नैया को पार लगाता यही है
की हारे का सहारा यही है
 
जब सारा संसार साथ छोड़ दे, तब सांवरे का दर ही एकमात्र ठिकाना है। वह माझी है, जो जीवन की नाव को आंधी-तूफानों से पार लगाता है। जैसे सूरज बादलों के पीछे से उभरकर अंधेरे को मिटाता है, वैसे ही सांवरे की कृपा उलझनों को सुलझाती है और हारे हुए मन को नया बल देती है।

उनके द्वार पर कदम रखते ही अपनों से भी गहरा प्रेम और परिवार का सुख मिलता है। उनके भजनों की मस्ती में डूबकर जीवन का हर अंधेरा छँट जाता है, और मन प्रेम व आनंद से भर उठता है। यह भक्ति का विश्वास है कि सांवरे हारे का सहारा बनकर, हर डूबते सूरज को फिर उगाते हैं, और आत्मा को परम शांति की ओर ले जाते हैं।
 
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