जब कोई नहीं आता तब आता यही है
माझी मां जीवन नैया को पार लगाता यही है
की हारे का सहारा यही है
आंधी और तूफान से लगता ना डर
दुनिया की अब मुझको ना फिकर
रहमत की मुझ पर बरसात हो गई
जब से सांवरे से मुलाकात हो गई
मुलाकात हो गई..........
उलझन मेरी सारी सुलझाता यही है
माझी मां जीवन नैया को पार लगाता यही है
की हारे का सहारा यही है
दर पर तेरे जब से आए हैं हम
कभी ना रुलाया खाकर कहते कसम
अपनों से ज्यादा मुझे प्यार मिल गया
दर पर तेरे श्याम परिवार मिल गया
परिवार मिल गया............
ऐसे प्रेमी को मिलाता यही है
माझी मां जीवन नैया को पार लगाता यही है
की हारे का सहारा यही है
तेरा यह सुरूर मेरे मन में चढ़ा
धीरे धीरे बाबा मैं भी आगे बढ़ा
भजनों को जब से मैं गाने लगा
जीवन से अंधेरा मेरे जाने लगा
डूबे सूरज को तो उगाता यही है
माझी मां जीवन नैया को पार लगाता यही है
की हारे का सहारा यही है