खुद से चल जाती नैया जो हमारी लिरिक्स
खुद से चल जाती नैया जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी,
मेरे माँझी बन जाओ,
मेरी नांव चला जाओ,
मेरे माझी बन जाओ,
मेरी नाव चला जाओ,
खुद से चल जाती नैयाँ जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी।
सुख में भुलाया तो दुःख ने सताया,
मुसीबत में कोई भी काम ना आया,
मेरी बिगड़ी बना जाओ,
मेरी लाज बचा जाओ,
खुद से चल जाती नैयाँ जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी।
खुद से ये नैया चला के मैं हारा,
आखिर में तुमको ही मैंने पुकारा,
आओ जल्दी आओ,
पतवार पकड़ जाओ,
खुद से चल जाती नैयाँ जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी।
कोई अच्छा माझी जो नैया चलाता,
तुझको बुलाने का मौका ना आता,
ये अटक गई नैया,
आकर के चला जाओ,
खुद से चल जाती नैयाँ जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी।
मेरा बस तो तुम पे ही चलता कन्हैया,
तेरे ही चलाए से चलती है नैया,
भाव पार लगा जाओ,
अर्जी ना ठुकराओ,
खुद से चल जाती नैयाँ जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी।
कभी सोचता हूँ हमारा क्या होता,
अगर कान्हा तेरा सहारा ना होता,
कहे ‘पवन’ को समझाओ,
इतना तो बतलाओ,
खुद से चल जाती नैयाँ जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी।
ख़ुद से चल जाती नैया जो हमारी,
तो फिर ना होती दरक़ार तुम्हारी,
मेरे माँझी बन जाओ,
मेरी नांव चला जाओ,
मेरे माझी बन जाओ,
मेरी नाव चला जाओ,
खुद से चल जाती नैयाँ जो हमारी,
तो फिर ना होती दरकार तुम्हारी।
यह भजन एक भक्त द्वारा भगवान कृष्ण से प्रार्थना है कि वह उनकी नाव का माझी बन जाएँ। भक्त कहता है कि अगर उसकी नाव खुद से चल जाती, तो उसे भगवान कृष्ण की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन चूंकि उसकी नाव मुश्किल से चल रही है, इसलिए उसे भगवान कृष्ण की मदद की जरूरत है।
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