कोई माखन ले लो ओ हो जी कोई माखन

कोई माखन ले लो ओ हो जी कोई माखन ले लो

कोई माखन ले लो
कोई माखन ले लो, ओ हो जी,
कोई माखन ले लो,
गुजरी तो आई बरसाने से ||

बलम हमारा भोला भाला,
बलम हमारा भोला भाला,
ससुर हमारा अंधा
सास निगोड़ी ने सर पर धर,
सास निगोड़ी ने सर पर
धर दिया बेचन का धंधा ||
कोई माखन -------

जो घर खाली लौट के जाऊँ,
जो घर खाली लौट के जाऊँ,
मारे नन्द निगोड़ी
माई बाप मेरे जनम के बैरी,
माई बाप मेरे जनम के बैरी,
जो ऐसे घर छोड़ी ||
कोई माखन --------

माखन बेचूँ मिसरी बेचूँ,
माखन बेचूँ मिसरी बेचूँ,
और दूध का छेना
मीठे मीठे लड्डू बेचूँ,
मीठे मीठे लड्डू बेचूँ,
मन चाहे सो लेना ||
कोई माखन --------

कान्हा जी का भोग लगा है,
कान्हा जी का भोग लगा है,
यह माखन ले जाओ
खुद खाओ औरौ को खिलाओ,
खुद खाओ औरौ को खिलाओ,
भवसागर तर जाओ ||
कोई माखन ------
 

Taja Makhan Laie | ताजा माखन लाई | Krishna Bhajan | Sonotek

 
ग्वालिन की पुकार और श्रीकृष्णजी के साथ प्रेम भरी चंचलता का भाव झलकता है। यह ऐसा है, जैसे कोई गाँव की गलियों में माखन बेचने की आवाज लगाते हुए अपने कान्हा की शरारतों को प्यार से याद कर रही हो। माखन, मिसरी, छेना और लड्डुओं की बात उस मिठास को दर्शाती है, जो ग्वालिन श्रीकृष्णजी के प्रेम में बांटना चाहती है, जैसे कोई अपने दिल की खुशी सबके साथ साझा करे।

बलम का भोला-भाला होना और सास-ससुर की नोंक-झोंक उस प्रेममय रिश्ते को उजागर करता है, जो श्रीकृष्णजी और ग्वालिन के बीच है। सास द्वारा माखन बेचने का धंधा सौंपना और खाली हाथ लौटने की चिंता उस मजेदार शिकायत को दिखाती है, जैसे कोई अपने प्रिय की शरारतों पर हँसते हुए नाराजगी जताए। यह भाव है कि श्रीकृष्णजी की मस्ती ही ग्वालिन के जीवन का रंग है।

भगवान श्रीकृष्ण को "माखन चोर" कहा जाता है क्योंकि उनकी बाल लीलाओं में माखन चुराने की कथा विशेष रूप से प्रसिद्ध है। बचपन में वे अपनी माता यशोदा और गोपियों के घरों से माखन चुराकर खाते थे, जिससे उनकी नटखट प्रवृत्ति और प्रेममयी भक्ति का अद्भुत चित्रण होता है2।


इस लीला का आध्यात्मिक अर्थ यह है कि श्रीकृष्ण केवल माखन नहीं चुराते थे, बल्कि भक्तों के निर्मल प्रेम और श्रद्धा को ग्रहण करते थे। गोपियाँ बड़े प्रेम से माखन तैयार करती थीं, और जब श्रीकृष्ण उसे चुराकर खाते थे, तो यह उनके प्रेम की स्वीकृति का प्रतीक बन जाता था।

Singer - Chanpreet Channi | Minakshi | Rajesh Chandra
Album - Shyamji Ka Lifafa Vol 2
Label - Sonotek Cassettes

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