भोले का जय कारा लगा ले

भोले का जय कारा लगा ले

भोले का जय कारा लगा ले,
जय कारा लगा ले तू नसीबा जगा ले रे,

तू विशेश्वर तू ही महेशवर तू ही अनश्वर है,
भोले का जयकारा लगा ले,

प्रेम से बोलो जय बम भोले,
मिल कर बोलो जय बम भोले,
सरे बोलो जय बम भोले,
अरे फिर से बोलो जय बम भोले

वैरी को भी तू वर देता,
कितना भोला भाला है,
भगत मैं तेरा भोले मुझसे क्यों रूठा मत वाला है,
अलख जगाऊ मैं तो तेरा भूतेशवर दिन रात रे,
भोले का जयकारा लगा ले,........

प्रेम से बोलो जय बम भोले,
मिल कर बोलो जय बम भोले,
सरे बोलो जय बम भोले,
अरे फिर से बोलो जय बम भोले

कंठ नाग की माला धारे शीश गंग धरी,
तू ब्रह्माण्ड का स्वामी भोले तेरी महिमा न्यारी,
सृजन करता तू देवेश्वर तू ही पर्यङ्कारी,
भोले का जयकारा लगा ले,........

प्रेम से बोलो जय बम भोले,
मिल कर बोलो जय बम भोले,
सरे बोलो जय बम भोले,
अरे फिर से बोलो जय बम भोले

सब की बिगड़ी बनाने वाले मेरे भी काज सवारों,
गिर गया विकट मुसीबत में है हे शिव मुझे उबारो,
मिली न तेरी जो अनुकम्पा दे दू गा मैं जान रे,
भोले का जयकारा लगा ले,........


सुंदर भजन में भगवान शिव की महिमा और उनकी सहज कृपा को प्रदर्शित किया गया है। यह अनुभूति उस दिव्यता को दर्शाती है, जहाँ शिवजी का आह्वान करने से न केवल भक्त का नसीब जागता है, बल्कि उसकी समस्त विघ्न-बाधाएँ भी समाप्त हो जाती हैं।

भोलेनाथ का स्वरूप सृष्टि में अद्वितीय है—वे वैरियों को भी वरदान देते हैं, जो उनके परम करुणामय हृदय को दर्शाता है। यह भाव बताता है कि शिव केवल न्याय करने वाले देवता नहीं, बल्कि दया और प्रेम का महासागर हैं, जो अपने भक्तों को बिना किसी भेदभाव के अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

उनकी महिमा अनंत है—कंठ में नाग, सिर पर गंगा और सम्पूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी होने के बावजूद वे परम सरलता से अपने भक्तों के समीप रहते हैं। यह स्वरूप बताता है कि ईश्वर को पाने के लिए बड़े प्रयासों की आवश्यकता नहीं होती, केवल प्रेम और श्रद्धा से ही शिवजी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

कठिन समय में भक्त उनकी शरण में जाता है, क्योंकि शिवजी की अनुकंपा से असंभव भी संभव हो जाता है। संकटों से घिरे व्यक्ति को उनका आशीर्वाद न केवल कष्टों से मुक्त करता है, बल्कि जीवन को नई दिशा और ऊर्जा भी प्रदान करता है।

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