मोहन मूरत प्यारी रंगलो मेरो बनवारी लिरिक्स
मोहन मूरत प्यारी रंगलो मेरो बनवारी
मोहन मूरत प्यारी रंगलो मेरो बनवारी,
रतन जड़े कुंडल कानो में,
मोर मुकट सिर धारी,
रंगलो मेरो बनवारी,
तन के केसरियो भागो साजे,
नीले रे असवार,रंगलो मेरो बनवारी,
नैन रसीला जुलम करे है,
लेवो नजर उतार,
रंगलो मेरो बनवारी,
खाटू में मंदिर रवि सनमुख,
जा की शोभा भारी,
रंगलो मेरो बनवारी,
रतन जड़े कुंडल कानो में,
मोर मुकट सिर धारी,
रंगलो मेरो बनवारी,
तन के केसरियो भागो साजे,
नीले रे असवार,रंगलो मेरो बनवारी,
नैन रसीला जुलम करे है,
लेवो नजर उतार,
रंगलो मेरो बनवारी,
खाटू में मंदिर रवि सनमुख,
जा की शोभा भारी,
रंगलो मेरो बनवारी,
यह भजन खाटू श्याम जी की भक्ति में लिखा गया है। भक्त श्याम जी की सुंदरता और महिमा का वर्णन करते हैं।
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