सुनी है गोद मेरी भर दे सांवरियां लिरिक्स
सुनी है गोद मेरी भर दे सांवरियां लिरिक्स
सुनी है गोद मेरी भर दे सांवरियां,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
पुत्र दो या पुत्री दो ममता बरसाऊँगी,
तेरी सौगात बाबा सीने से लगाउंगी,
गूंजे किलकारी घर में दीन और रतियाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
बांज नहीं केहलाऊ मैं ऐसा वरदान दो,
इस दुखियाँ का जग में नहीं अपमान हो,
सुनती हु ताने सबके खरी खोटी बतियाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
मेरे अनसुइयो की धरा गंगा सी बहती है,
कब होगी आस पूरी आत्मा ये कहती है,
विनती स्वीकार करो जग के खिवैयाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
पुत्र दो या पुत्री दो ममता बरसाऊँगी,
तेरी सौगात बाबा सीने से लगाउंगी,
गूंजे किलकारी घर में दीन और रतियाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
बांज नहीं केहलाऊ मैं ऐसा वरदान दो,
इस दुखियाँ का जग में नहीं अपमान हो,
सुनती हु ताने सबके खरी खोटी बतियाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
मेरे अनसुइयो की धरा गंगा सी बहती है,
कब होगी आस पूरी आत्मा ये कहती है,
विनती स्वीकार करो जग के खिवैयाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
यह भजन खाटू श्याम जी की भक्ति में लिखा गया है। भक्त श्याम जी से प्रार्थना करते हैं कि वे उनकी गोद भर दें और उन्हें संतान प्रदान करें। वे श्याम जी से यह भी प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें किसी भी तरह के अपमान से बचाएं।