ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे परवाह नहीं है
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे,
परवाह नहीं है,
चाहे जग सारा रूठे रे,
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
मस्ती में हु मस्तानी हो गई मलंग मैं,
रंग गये अपने सांवरे की रंग में,
प्यार की ये पावन डोरी कभी ना ही टूटे रे,
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
जितने है रिश्ते नाते सारे ही मैं तोड़ दू,
तुम ही बताओ कैसे खाटू आना छोड़ दू,
खाटू न छुड़वाना तू सांसे चाहे छूटे रे,
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
ग्यारस तेरी बाबा खाटू जो मैं आऊं,
जी करता है फिर लौट के ना जाऊं,
रिश्ता बना है जो कभी नाही टूटे रे,
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
अब तो यही पी जीना और है मरना,
चरणों से तेरे बाबा दूर नहीं करना,
कितना ही चाहे योगी तू न कभी रूठे रे,
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
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भक्तों के हर दुःख दर्द दूर करते हैं श्री खाटू श्याम जी : श्री श्याम बाबा को खाटू नरेश भी कहा जाता है और अपने भक्तों के हर दुःख दर्द दूर करते हैं। श्री श्याम बाबा सीकर जिले के खाटू नगर में विराजमान है। श्री खाटू श्याम बाबा को श्री कृष्ण जी से आशीर्वाद प्राप्त था की वे कलयुग में कृष्ण जी के अवतार के रूप में पूजे जाएंगे और इनकी शरण में आने वाले की हर पीड़ा को स्वंय भगवान् श्री कृष्ण हर लेंगे। श्री खाटू श्याम जी के मुख मंदिर के अलावा दर्शनीय स्थलों में श्री श्याम कुंड और श्याम बगीची भी हैं जो मंदिर परिसर के पास में ही स्थित हैं।