अब तो मेरा राम नाम दूसरा न कोई मीरा बाई पदावली
अब तो मेरा राम नाम दूसरा न कोई मीरा बाई पदावली
अब तो मेरा राम नाम दूसरा न कोई
अब तो मेरा राम नाम दूसरा न कोई॥
माता छोडी पिता छोडे छोडे सगा भाई।
साधु संग बैठ बैठ लोक लाज खोई॥
सतं देख दौड आई, जगत देख रोई।
प्रेम आंसु डार डार, अमर बेल बोई॥
अब तो मेरा राम नाम दूसरा न कोई॥
माता छोडी पिता छोडे छोडे सगा भाई।
साधु संग बैठ बैठ लोक लाज खोई॥
सतं देख दौड आई, जगत देख रोई।
प्रेम आंसु डार डार, अमर बेल बोई॥
मारग में तारग मिले, संत राम दोई।
संत सदा शीश राखूं, राम हृदय होई॥
अंत में से तंत काढयो, पीछे रही सोई।
राणे भेज्या विष का प्याला, पीवत मस्त होई॥
अब तो बात फैल गई, जानै सब कोई।
दास मीरा लाल गिरधर, होनी हो सो होई॥
संत सदा शीश राखूं, राम हृदय होई॥
अंत में से तंत काढयो, पीछे रही सोई।
राणे भेज्या विष का प्याला, पीवत मस्त होई॥
अब तो बात फैल गई, जानै सब कोई।
दास मीरा लाल गिरधर, होनी हो सो होई॥
आत्मा जब राम के नाम में डूब जाती है, तो संसार के सारे बंधन छूट जाते हैं। माता, पिता, भाई, सगे-संबंधी—सब कुछ पीछे छूटता है, जब मन केवल प्रभु को . यह प्रेम वह दीप है, जो साधु-संगति में जल उठता है, जहाँ दुनिया की लज्जा, समाज का भय सब धुल जाता है। जैसे नदी अपनी धारा में सब कुछ बहा ले जाती है, वैसे ही यह भक्ति मन को शुद्ध कर देती है।
सत्य को देखकर मन दौड़ पड़ता है, पर संसार का मायाजाल आँखों में आँसू लाता है। यह प्रेम के आँसू हैं, जो अमर बेल बोते हैं—एक ऐसी लता, जो कभी सूखती नहीं। जीवन की राह में संतों का साथ और राम का नाम—ये दो तारे हैं, जो अंधेरे में भी रास्ता दिखाते हैं। संतों का आशीर्वाद सिर पर और राम हृदय में, यही सच्चा धन है।
संसार का ताना-बाना अंत में टूट जाता है, केवल प्रभु का साथ रहता है। विष का प्याला भी जब प्रेम से पीया जाए, तो वह मस्ती बन जाता है। दुनिया की बातें, निंदा, सब फैल जाती हैं, पर भक्त का मन अडिग रहता है। यह विश्वास कि जो होना है, वही होगा, वह शक्ति देता है, जो हर तूफान को पार करा देता है। गिरधर का दास बनकर जीवन केवल उसी के रंग में रंग जाता है।
सत्य को देखकर मन दौड़ पड़ता है, पर संसार का मायाजाल आँखों में आँसू लाता है। यह प्रेम के आँसू हैं, जो अमर बेल बोते हैं—एक ऐसी लता, जो कभी सूखती नहीं। जीवन की राह में संतों का साथ और राम का नाम—ये दो तारे हैं, जो अंधेरे में भी रास्ता दिखाते हैं। संतों का आशीर्वाद सिर पर और राम हृदय में, यही सच्चा धन है।
संसार का ताना-बाना अंत में टूट जाता है, केवल प्रभु का साथ रहता है। विष का प्याला भी जब प्रेम से पीया जाए, तो वह मस्ती बन जाता है। दुनिया की बातें, निंदा, सब फैल जाती हैं, पर भक्त का मन अडिग रहता है। यह विश्वास कि जो होना है, वही होगा, वह शक्ति देता है, जो हर तूफान को पार करा देता है। गिरधर का दास बनकर जीवन केवल उसी के रंग में रंग जाता है।
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