कोई स्याम मनोहर ल्योरी मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics
कोई स्याम मनोहर ल्योरी
कोई स्याम मनोहर ल्योरी, सिर धरे मटकिया डोले।।टेक।।
दधि को नाँव बिसर गई ग्वालन, हरिल्यो हरिल्यो बोलै।
मीराँ के प्रभु गिरधरनागर, चेरी भई बिन मोलै।
कृष्ण रूप छकी है ग्वालिन, औरहि औरै बोलै।।
(नाँव=नाम, बिसर गई=भूल गई। हरिल्यौ=कृष्णले लो, चेरी=दासी, मोलै=मोल,मूल्य, छकी=पूर्ण)
---------------------------कोई स्याम मनोहर ल्योरी, सिर धरे मटकिया डोले।।टेक।।
दधि को नाँव बिसर गई ग्वालन, हरिल्यो हरिल्यो बोलै।
मीराँ के प्रभु गिरधरनागर, चेरी भई बिन मोलै।
कृष्ण रूप छकी है ग्वालिन, औरहि औरै बोलै।।
(नाँव=नाम, बिसर गई=भूल गई। हरिल्यौ=कृष्णले लो, चेरी=दासी, मोलै=मोल,मूल्य, छकी=पूर्ण)
अच्छे मीठे फल चाख चाख, बेर लाई भीलणी।
ऎसी कहा अचारवती, रूप नहीं एक रती।
नीचे कुल ओछी जात, अति ही कुचीलणी।
जूठे फल लीन्हे राम, प्रेम की प्रतीत त्राण।
उँच नीच जाने नहीं, रस की रसीलणी।
ऎसी कहा वेद पढी, छिन में विमाण चढी।
हरि जू सू बाँध्यो हेत, बैकुण्ठ में झूलणी।
दास मीरां तरै सोई, ऎसी प्रीति करै जोइ।
पतित पावन प्रभु, गोकुल अहीरणी।
अजब सलुनी प्यारी मृगया नैनों। तें मोहन वश कीधो रे॥ध्रु०॥
गोकुळ मां सौ बात करेरे बाला कां न कुबजे वश लीधो रे॥१॥
मनको सो करी ते लाल अंबाडी अंकुशे वश कीधो रे॥२॥
लवींग सोपारी ने पानना बीदला राधांसु रारुयो कीनो रे॥३॥
मीरां कहे प्रभु गिरिधर नागर चरणकमल चित्त दीनो रे॥४॥
अपनी गरज हो मिटी सावरे हम देखी तुमरी प्रीत॥ध्रु०॥
आपन जाय दुवारका छाय ऐसे बेहद भये हो नचिंत॥ ठोर०॥१॥
ठार सलेव करित हो कुलभवर कीसि रीत॥२॥
बीन दरसन कलना परत हे आपनी कीसि प्रीत।
मीरां के प्रभु गिरिधर नागर प्रभुचरन न परचित॥३॥
अब तो निभायाँ सरेगी, बांह गहेकी लाज।
समरथ सरण तुम्हारी सइयां, सरब सुधारण काज॥
भवसागर संसार अपरबल, जामें तुम हो झयाज।
निरधारां आधार जगत गुरु तुम बिन होय अकाज॥
जुग जुग भीर हरी भगतन की, दीनी मोच्छ समाज।
मीरां सरण गही चरणन की, लाज रखो महाराज॥