मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics
आली, सांवरे की दृष्टि मानो
आली, सांवरे की दृष्टि मानो, प्रेम की कटारी है।।टेक।।
लागत बेहाल भई, तनकी सुध बुध गई,
तन मन सब व्यापो प्रेम, मानो मतवारी है॥
सखियां मिल दोय चारी, बावरी सी भई न्यारी,
हौं तो वाको नीके जानौं, कुंजको बिहारी॥
आली, सांवरे की दृष्टि मानो, प्रेम की कटारी है।।टेक।।
लागत बेहाल भई, तनकी सुध बुध गई,
तन मन सब व्यापो प्रेम, मानो मतवारी है॥
सखियां मिल दोय चारी, बावरी सी भई न्यारी,
हौं तो वाको नीके जानौं, कुंजको बिहारी॥
चंदको चकोर चाहे, दीपक पतंग दाहै,
जल बिना मीन जैसे, तैसे प्रीत प्यारी है॥
बिनती करूं हे स्याम, लागूं मैं तुम्हारे पांव,
मीरा प्रभु ऐसी जानो, दासी तुम्हारी है॥
(आली=सखी, मानो,मानूँ=मेरे लिए, लागत,लगन= लगते ही, व्यापो,व्यापी=व्याप्त हो गई, दाहै=जलाता,
मीन=मछली, हीयै=हृदय में)
जल बिना मीन जैसे, तैसे प्रीत प्यारी है॥
बिनती करूं हे स्याम, लागूं मैं तुम्हारे पांव,
मीरा प्रभु ऐसी जानो, दासी तुम्हारी है॥
(आली=सखी, मानो,मानूँ=मेरे लिए, लागत,लगन= लगते ही, व्यापो,व्यापी=व्याप्त हो गई, दाहै=जलाता,
मीन=मछली, हीयै=हृदय में)
लेकर चीर कदंब पर बैठे । हम जलमां नंगी उघारी ॥१॥
तुमारो चीर तो तब नही । देउंगा हो जा जलजे न्यारी ॥२॥
ऐसी प्रभुजी क्यौं करनी । तुम पुरुख हम नारी ॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर । तुम जीते हम हारी ॥४॥
फरका फरका जो बाई हरीकी मुरलीया । सुनोरे सखी मारा मन हरलीया ॥ध्रु०॥
गोकुल बाजी ब्रिंदाबन बाजी । और बाजी जाहा मथुरा नगरीया ॥१॥
तुम तो बेटो नंदबावांके । हम बृषभान पुराके गुजरीया ॥२॥
यहां मधुबनके कटा डारूं बांस । उपजे न बांस मुरलीया ॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर । चरणकमलकी लेऊंगी बलय्या ॥४॥
शरणागतकी लाज । तुमकू शणागतकी लाज ॥ध्रु०॥
नाना पातक चीर मेलाय । पांचालीके काज ॥१॥
प्रतिज्ञा छांडी भीष्मके । आगे चक्रधर जदुराज ॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर । दीनबंधु महाराज ॥३॥
छोडो चुनरया छोडो मनमोहन मनमों बिच्यारो ॥धृ०॥
नंदाजीके लाल । संग चले गोपाल धेनु चरत चपल ।
बीन बाजे रसाल । बंद छोडो ॥१॥
काना मागत है दान । गोपी भये रानोरान ।
सुनो उनका ग्यान । घबरगया उनका प्रान ।
चिर छोडो ॥२॥
मीरा कहे मुरारी । लाज रखो मेरी ।
पग लागो तोरी । अब तुम बिहारी ।
चिर छोडो ॥३॥