बहार आई शोरिश जुनूने फ़ितना सामाँ की लिरिक्स

Bahar Aai Shorish Lyrics Patriotic Songs

बहार आई शोरिश जुनूने फ़ितना सामाँ की
बहार आई शोरिश जुनूने फ़ितना सामाँ की,
इलाही खैर करना तू मेरे जेबो-गिरेबाँ की ।

सही जज़बाते हुर्रियत कहीं मेटे से मिटते हैं,
अबस हैं धमकियाँ दारो-रसन की और जिंदां की ।

वह गुलशन जो कभी आबाद था गुजरे जमाने में,
मैं शाख-ए-खुश्क हूँ हाँ-हाँ उसी उजड़े गुलिसतां की ।

नहीं तुमसे शिकायत हमसफीराने चमन मुझको,
मेरी तकदीर ही में था कफस और कैद जिंदां की ।

करो जब्ते-मुहब्बत गर तुम्हें दावाए-उल्फत है,
खामोशी साफ बतलाती है ये तसवीरे-जाना की ।

यूं ही लिखा था किस्मत में चमन पैराए आलम ने,
कि फसले-गुल में गुलशन छूट कर है कैद जिंदां की ।

जमीं दुश्मन जमां दुश्मन जो अपने थे पराये हैं,
सुनोगे दास्तां क्या तुम मेरे हाले-परीशां की ।

ये झगड़े और बखेड़े मेटकर आपस में मिल जाओ,
ये तफ़रीके-अबस है तुममे हिन्दू और मुसलमाँ की ।

सभी सामाने-इशरत थी मज़े से अपनी कटती थी,
वतन के इश्क़ ने मुझको हवा खिलवाई जिंदां की ।


Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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