खुदाया देख ले हम कैसे निसार होके चले
खुदाया देख ले हम कैसे निसार होके चले
खुदाया देख ले हम, कैसे निसार हो के चले
खुदाया देख ले हम, कैसे निसार हो के चले ।
तिरे ही नाम पे प्यारे, निसार हो के चले ।
खराबो खस्ताओ, जारो-नजार हो के चले,
वतन में आह, गरीबुद्दियार हो के चले ।
निशानाए सितमे सदहज़ार हो के चले ।
जनाब माफ हो ये गुफ्तगुए बेतासीर,
मुकद्दरात में चलती नही कोई तदवीर ।
हमारी तरह से हैं, और भी कई दिलगीर,
फिराये देखिए हमको कहाँ–कहाँ तक़दीर ।
असीरे-गर्दिशे-लैलो-निहार हो के चले ।
तिरे ही वास्ते आलम में, हो गये बदनाम,
तिरे सिवा नहीं रखते, किसी से हम कुछ काम ।
तिरे ही नाम को जपते हैं, हम सुबहो-शाम,
वतन न दे हमें तर्के-वफ़ा का तू इल्ज़ाम ।
कि आबरू पे तेरी हम निसार हो के चले ।
खुदाया देख ले हम, कैसे निसार हो के चले ।
तिरे ही नाम पे प्यारे, निसार हो के चले ।
खराबो खस्ताओ, जारो-नजार हो के चले,
वतन में आह, गरीबुद्दियार हो के चले ।
निशानाए सितमे सदहज़ार हो के चले ।
जनाब माफ हो ये गुफ्तगुए बेतासीर,
मुकद्दरात में चलती नही कोई तदवीर ।
हमारी तरह से हैं, और भी कई दिलगीर,
फिराये देखिए हमको कहाँ–कहाँ तक़दीर ।
असीरे-गर्दिशे-लैलो-निहार हो के चले ।
तिरे ही वास्ते आलम में, हो गये बदनाम,
तिरे सिवा नहीं रखते, किसी से हम कुछ काम ।
तिरे ही नाम को जपते हैं, हम सुबहो-शाम,
वतन न दे हमें तर्के-वफ़ा का तू इल्ज़ाम ।
कि आबरू पे तेरी हम निसार हो के चले ।
इस देशभक्ति गीत में वतन के लिए पूर्ण समर्पण और बलिदान का गहरा उदगार है। भक्त अपने प्रिय वतन के नाम पर सब कुछ न्योछावर कर, गर्व के साथ आगे बढ़ता है, जैसे दीपक जलकर भी प्रकाश देता है। गरीबी, सितम और तकदीर की मार झेलते हुए भी, वह वतन की आबरू के लिए निसार होने को तैयार है।
यह पुकार है कि देश के सिवा कोई चाह नहीं, कोई काम नहीं। सुबह-शाम वतन का नाम जपने वाला हृदय बदनामी से नहीं डरता, बस यह प्रार्थना करता है कि उसे वफादारी का इल्जाम न मिले। तकदीर भले ही उसे भटकाए, लेकिन वह वतन की खातिर हर कष्ट सहने को तत्पर है। यह भाव आत्मा को प्रेरित करता है कि देश की शान और स्वतंत्रता के लिए हर बलिदान सार्थक है, जो गर्व और शांति की ओर ले जाता है।
- वन्दे मातरम् राष्ट्रगीत हिंदी पीडीऍफ़ Vande Mataram
- अब के बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे Aub Ke Baras Tujhe Dharti
- नवयुग की नव गति नव लय हम Navyug Ki Gati Nav Lay
- ऐ वतन हमको तेरी कसम तेरी राहों में जा तक लूटा जाएंगे
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |