मेरा श्याम बसा मेरे दिल में भजन

मेरा श्याम बसा मेरे दिल में भजन

मेरा श्याम बसा मेरे दिल में
धड़कन बनकर यह धड़कता है
परछाईं जैसे संग चले
मेरा श्याम सदा संग रहता है

लागी मेरी लगन....... लगी मेरी लगन
बाबा से है लगन........ लागी मेरी लगन

मेरा श्याम से ऐसा रिश्ता है
जैसे दीपक और बाती का
मेरा श्याम कृपालु भक्तों पर
रहमत की छटा बरसाता है

कुछ और ना मांगू श्याम प्रभु
बस तेरा साया साथ रहे
मैं तुझसे लिपटकर रोता हूं
जब जब तू प्रेम लूट आता है

मैं तुमसे मोहब्बत करता हूं
तुमसे ही मेरा जीवन है
सोनी ने जब जब नाम लिया
मेरा बाबा हाथ बढ़ाता है
 

सुन्दर भजन में श्रीकृष्णजी के प्रति गहन प्रेम और उनके हृदय में बसने की भावना का मधुर चित्रण है। श्याम भक्त के दिल की धड़कन बनकर हर पल साथ रहते हैं, जैसे परछाईं कभी साथ नहीं छोड़ती। उनकी उपस्थिति भक्त को हर कदम पर बल देती है। जैसे एक नदी अपने किनारों के साथ बहती है, वैसे ही श्रीकृष्णजी का प्रेम भक्त के जीवन में निरंतर प्रवाहित होता है। यह उद्गार सिखाता है कि सच्ची भक्ति प्रभु को हृदय में बसाने और उनके साथ अटूट रिश्ता जोड़ने में है।

श्रीकृष्णजी और भक्त का रिश्ता दीपक और बाती सा पवित्र है, जहाँ दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। श्याम की कृपा भक्तों पर रहमत की वर्षा करती है, जो जीवन को प्रेम और करुणा से भर देती है। भक्त कुछ और नहीं मांगता, केवल उनका साया और प्रेम चाहता है। जब वह उनके नाम का स्मरण करता है, श्याम तुरंत हाथ बढ़ाकर सहारा देते हैं। जैसे एक माता अपने बच्चे की पुकार पर दौड़ती है, वैसे ही श्रीकृष्णजी भक्त की हर पुकार सुनते हैं। यह भाव दर्शाता है कि प्रभु का प्रेम ही जीवन का आधार है, जो हर दुख में सांत्वना और सुख देता है।
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