आज यो श्रृंगार दादी कितनो प्यारो
आज यो श्रृंगार दादी कितनो प्यारो प्यारो है
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है।
थारी पूजा-अर्चना तो,
नहीं जानू दादी जी,
टाबर मैं बावलो,
आया थारी नगरी,
लिए प्रेम भरी नगरी,
दादी जी थारा लाडलो,
चरणा स्यूं लगा लो,
थारे चरणा को सहारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है।
म्हारे हिवड़े बस जाओ,
म्हाने बहुत सतावे जी,
दादी जी थारी यादड़ली,
भगता री पात राखो,
ओ झुंझनू वाली,
म्हारी भर आई आँखड़ली,
चोखानी भी दादी,
सेवकियो इक थारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है।
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है।
कितनो प्यारो-प्यारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है।
थारी पूजा-अर्चना तो,
नहीं जानू दादी जी,
टाबर मैं बावलो,
आया थारी नगरी,
लिए प्रेम भरी नगरी,
दादी जी थारा लाडलो,
चरणा स्यूं लगा लो,
थारे चरणा को सहारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है।
म्हारे हिवड़े बस जाओ,
म्हाने बहुत सतावे जी,
दादी जी थारी यादड़ली,
भगता री पात राखो,
ओ झुंझनू वाली,
म्हारी भर आई आँखड़ली,
चोखानी भी दादी,
सेवकियो इक थारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है।
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो-प्यारो है।
प्यारो प्यारो श्रृंगार है || JYOTI AGARWAL || DADI BHAJAN || Shree Bhajan |
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Author - Saroj Jangir
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