धड़कने ये मेरी बाबा अमानत है भजन

धड़कने ये मेरी बाबा अमानत है आपकी भजन

धड़कने ये मेरी बाबा अमानत है आपकी,
ज़िन्दगी का तोफा मुझको आप से मिला,
धड़कने ये मेरी बाबा अमानत है आपकी।

रोम रोम करता बाबा अरदास है,
तेरा नाम गाऊ जब तक मेरी साँस है,
भूल कर मुझको बतना शिकवा गिला,
हर कदम पे माफ़ करते शराफ़त है आप की,
ज़िन्दगी का तोफा मुझको आप से मिला,
धड़कने ये मेरी बाबा अमानत है आपकी।

मेरे पास जो कुछ बाबा सब कुछ तेरा
मैं तो खुद हु तेरा कुछ ना मेरा,
बड़े ही नसीबो से जीवन मिला,
प्यार वो लुटाते इतना महोबत है आप की,
ज़िन्दगी का तोफा मुझको आप से मिला,
धड़कने ये मेरी बाबा अमानत है आपकी।

बंदिशें ना कोई मुझपर ज़माने की है,
सुबहे शाम आदत तुमको रिझाने की है,
खाटू धाम आकर लगता स्वर्ग मिला,
सोनी भूल बैठा खुद को नजाकत है आप की,
ज़िन्दगी का तोफा मुझको आप से मिला,
धड़कने ये मेरी बाबा अमानत है आपकी। 


Shyam Bhajan 2018 | धड़कनें | Dhadkane | by Shyam Salona ( Kota) | Full HD Video

श्याम बाबा की कृपा से मिला यह जीवन और हर धड़कन उनकी अमानत है, जो भक्त को सदा उनके प्रेम और भक्ति में बांधे रखती है। उनका यह अनमोल तोहफा भक्त के रोम-रोम में बसता है, और वह हर सांस के साथ केवल उनके नाम का ही गुणगान करता है। श्याम की शरण में आने वाला भक्त अपने सारे शिकवे-गिले भूल जाता है, क्योंकि बाबा की शराफत और दया ऐसी है कि वह हर गलती को माफ कर देता है। यह उनकी महोब्बत का ही कमाल है कि भक्त का जीवन, जो उनकी कृपा से मिला है, एक पवित्र यात्रा बन जाता है, जिसमें हर कदम पर केवल श्याम का साथ और उनका प्रेम ही उसका आधार होता है।

Song: Dhadkane ( Shyam Bhajan)
Singer: Shyam Salona ( Kota)
Music: Sonu Sharma
Lyricist: Rakesh Soni
Category: HIndi Shyam Bhajan

श्रीकृष्ण का जीवन हमें प्रेम, करुणा, साहस, नीति, और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। वे केवल एक देवता नहीं, बल्कि एक मित्र, मार्गदर्शक, प्रेमी, और जीवन के हर मोड़ पर साथ देने वाले सखा के रूप में पूजे जाते हैं। उनकी बाल लीलाओं में जहाँ मासूमियत और आनंद है, वहीं गीता के उपदेशों में जीवन का गहरा दर्शन और समाधान छिपा है। श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबकर भक्तजन अपने जीवन की हर कठिनाई को पार करने की शक्ति पाते हैं। यही कारण है कि श्रीकृष्ण आज भी करोड़ों लोगों के हृदय में बसे हैं और उनकी लीलाएँ, शिक्षाएँ एवं भक्ति परंपरा सदैव जीवंत रहती है।

कृष्ण के नाम में प्रेम और शांति के गहरे अर्थ छुपे हैं। "कृष्ण" नाम केवल एक देवता का नाम नहीं, बल्कि वह दिव्य प्रेम, आत्मिक आनंद और शांति का प्रतीक है। कृष्ण के प्रति प्रेम को भक्ति कहा जाता है, जो निःस्वार्थ, शुद्ध और अनंत होता है। यह प्रेम किसी भी स्वार्थ या अपेक्षा से परे होता है और इसमें भक्त अपने आप को पूरी तरह से कृष्ण को समर्पित कर देता है, जिससे उसे अपार आनंद और मन की शांति प्राप्त होती है।

कृष्ण का नाम जपने और स्मरण करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक ऊर्जा, संतुलन और आंतरिक शांति का संचार होता है। राधा-कृष्ण का प्रेम केवल सांसारिक नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है, जिसमें कोई शर्त या सीमा नहीं होती। यही कारण है कि कृष्ण के नाम में मिठास, अपनापन और आत्मिक शांति का अनुभव होता है।

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