कान्हा आयो री महल में
कान्हा आयो री महल में खबर दीजो, कान्हा आयो री।
जब रे कान्हा तेरी ड्योढ़ी पे आवे,
सोने के कलश भराय दीजो, कान्हा आयो री।
चौखट पे तेल छुआय दीजो, कान्हा आयो री।
जब रे कान्हा तेरे अंगना में आवे,
मोतिन चौक पुराय दीजो,कान्हा आयो री।
चहुँमुख दिवला बराय दीजो, कान्हा आयो री।
जब रे कान्हा तेरे चौके में आवे,
छप्पन भोग लगाय दीजो, कान्हा आयो री।
माखन मिसरी खवाय दीजो, कान्हा आयो री।
जब रे कान्हा तेरे महलों में आवे,
आदर से आसन दीजो, कान्हा आयो री।
होठों से बन्सी लगाय दीजो, कान्हा आयो री।
जब रे कान्हा तेरी ड्योढ़ी पे आवे,
सोने के कलश भराय दीजो, कान्हा आयो री।
चौखट पे तेल छुआय दीजो, कान्हा आयो री।
जब रे कान्हा तेरे अंगना में आवे,
मोतिन चौक पुराय दीजो,कान्हा आयो री।
चहुँमुख दिवला बराय दीजो, कान्हा आयो री।
जब रे कान्हा तेरे चौके में आवे,
छप्पन भोग लगाय दीजो, कान्हा आयो री।
माखन मिसरी खवाय दीजो, कान्हा आयो री।
जब रे कान्हा तेरे महलों में आवे,
आदर से आसन दीजो, कान्हा आयो री।
होठों से बन्सी लगाय दीजो, कान्हा आयो री।
