भगत पुकारे आज मावड़ी आके लाज भजन

भगत पुकारे आज मावड़ी आके लाज बचा जा ऐ भजन

मुखड़ा:

भगत पुकारे आज मावड़ी,
आके लाज बचा जा ऐ,
दुःख पावे है टाबर थारा,
आके कष्ट मिटा जा ऐ,
भगत पुकारे आज मावड़ी,
आके लाज बचा जा ऐ।।
अंतरा 1:

सर पे हमारे गम के बादल,
जब-जब भी मंडराते हैं,
औ’ ना कुछ भी भावे दादी,
थारी याद सताते हैं,
सुन ले म्हारी अर्जी दादी,
मन की बात बतावा ऐ,
भगत पुकारे आज मावड़ी,
आके लाज बचा जा ऐ।।
अंतरा 2:

कर सोलह सिंगार भवानी,
म्हारे घरा जद आवोगा,
तन-मन-धन सब वार दिया माँ,
यो जीवन भी वारूंगा,
डगमग डोले नैया म्हारी,
भव से पार लगा जा ऐ,
भगत पुकारे आज मावड़ी,
आके लाज बचा जा ऐ।।
अंतरा 3:

झुँझणू की धरती पावन,
माटी तिलक लगावै जी,
दिन-दुखी दरवाजे आवे,
हर संकट कट जावै जी,
‘आकाश परिचय’ झुक-झुक दादी,
थारा दर्शन पावा ऐ,
भगत पुकारे आज मावड़ी,
आके लाज बचा जा ऐ।।
 


सच्चे भक्त की पुकार || Bhagat Pukare Aaj Mawadi || Akash Parichay || RaniSatiDadiBhajan
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